'शतहस्त समाहर सहस्त्रहस्त सं किर'
अर्थात्
'सैंकड़ों हाथों से धन अर्जित करो और हजारों हाथों से उसे दान करो' - अथर्ववेद-
jain writer
(jainwriter)
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#jainwriter
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Joined 11 April 2020
17 MAY 2021 AT 17:19
16 JUN 2020 AT 18:15
" समय होता है तब हम प्रमाद करते हैं
और समय नहीं होता
तब हम पश्चाताप करते हैं-
11 JUN 2020 AT 22:25
" फिर से कोशिश करने से मत घबराना
क्योंकि इस बार शुरुआत शून्य से नहीं
अनुभव से होगी-
4 JUN 2020 AT 19:49
" रिश्ते और रास्ते
तब खत्म हो जाते हैं
जब पांव नहीं
दिल थक जाते हैं-
28 MAY 2020 AT 19:33
" पूरी दुनिया जीत सकते है संस्कार से
जीता हुआ भी हार जाते है अहंकार से-
25 MAY 2020 AT 22:23
" अपनों का साथ बहुत आवश्यक हैं
सुख हो तो बढ़ जाता हैं और
दु:ख हो तो बट जाता हैं
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24 MAY 2020 AT 19:33
" समस्या से भागना समस्या का प्रारम्भ है
समस्या का सामना करना
समस्या के अन्त का प्रारम्भ है-
21 MAY 2020 AT 19:28
" उन पर ध्यान मत दीजिए जो
आपकी पीठ पीछे बात करते हैं
इसका सीधा सा अर्थ हैं कि
आप उनसे दो कदम आगे हैं-
19 MAY 2020 AT 19:46
" खुद की selfie निकालना सेक़ेन्डों का काम हैं
लेकिन खुद की Image बनाने में.........?
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