Dev Khatri   (Dev khatri)
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Joined 27 April 2018


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Joined 27 April 2018
12 FEB 2021 AT 17:26

तन तन में व्याप्त है कृष्ण
कण-कण में विद्यमान है
कृष्ण है सर्वोत्तम कृष्ण है सर्वोपरि
कृष्ण ही अभिमान है
कृष्ण मेरी आशा है वही विपत्ति के ज्ञाता है
वही है समाधान वही हाथ थमाते है
भटक जाता हूं में जब
कृष्ण ही राह दिखाते है...♥️♥️🙏

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10 FEB 2021 AT 12:30

"तेरे साथ रहकर जो गुजरी है
वो यादे कितनी धुंधली है.."

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3 FEB 2021 AT 21:57

में इक आस में हूं
हमसफ़र की तलाश में हूं

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3 FEB 2021 AT 21:50

तुम खुश रहने की बात करते हो
हमने तो मुस्कुराना भी छोड़ दिया है..❤️

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2 FEB 2021 AT 12:31

जब तुम जुगनुओं के पीछे पीछे
तराश रही थी कुछ
उस वक़्त मैं वही था
मैं देख रहा था तुम्हारे उन नर्म हाथो को
जिनमें तुम जुगनुओं को पकड़ रही थी
और उनसे कह रही थी कि
मैं भी एक दिन बेबाक होकर
यूंही अंधेरों में अपनों के लिए बनूंगी एक जुगनू
जो बिना किसी की रोक टोक
झिझक के यूहीं बस अपनी ही
कहानियों में गुम रहुंगी..❤️

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30 JAN 2021 AT 9:21

"मेरी कहानियों में कही गुम मिलोगी
फिर भी हर ज़र्रे में तुम दिखोगी.."❤️

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13 JAN 2021 AT 9:42

"चल पड़े है पंछी आशियाने की और
आसमां है बस मांझे और पतंग की डोर.."

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19 DEC 2020 AT 20:28

"इश्क़ में चाय सा उबाल लाते है
सर्द है चलो मशाल जलाते है .."☕

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23 NOV 2020 AT 17:31

"इश्क़ से यू तो वाकिफ हूं
लोग कहते है 'दिल टूटा आशिक़ हूं'.."❤️

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13 OCT 2020 AT 21:18

"तेरी उलझी सिलवटों के बीच में खुदको यू उलझाते देखा
तुझे भूल जाने की कोशिश में तुझको ही दोहराते देखा.."

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