Iqbal Malik   (Iqbal Ⓜalik©)
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Joined 2 July 2017


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9 FEB AT 0:45

पैसा पास हो तो यार खरीद लूं
यार की क्या बात सम्मान खरीद लूं
बताओ कुछ ऐसा जो बिकता नहीं यहां
पैसा पास हो तो सारा जहान खरीद लूं।

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7 FEB AT 13:17

तुम दुनियाबी चीज़ों को क्यों अपना समझते हो
क्या कभी किसी मुर्दे को लिबास ले जाते देखे हो

बचपन, जवानी और बुढ़ापे तक ही काम आती हैं चीजें
मौत के बाद तो अपना जिस्म तलक ना समेट सकते हो

क्यों पड़े हो तुम कागज़ के चंद टुकड़ों के पीछे,
दूसरे लोक में पैसों से आमाल नही ख़रीद सकते हो ||

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31 JAN AT 14:32

खुदा की कुदरत को कभी ध्यान से देखो
पेड पोधों और पहाड़ों में उसकी परछाई को देखो
सूरज चाँद और तारों में उसके नूर को देखो
गर फिर भी खुदा का दीदार न हो तो
चौपाहों और पछियों में उसकी जान को देखो ||

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30 NOV 2024 AT 1:53

मुझमें मुझसा ही रहता है कोई
सो खुदसा ही तलाश करता है हर कोई
बात समझ आए तो बताना मुझे,
क्यों खुद को गलत नहीं कहता है कोई।

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29 NOV 2024 AT 0:04

आसमानों में रहने वालों
कभी जमीं का भी रुख करो,
शैतान चला रहे हैं सियासत,
ज़रा इस्राफ़िल को हुक्म तो दो।

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28 NOV 2024 AT 18:39

ज़र जोरू और जुआ
हर आदमी को ले डूबा।

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26 NOV 2024 AT 12:56

ना मंदिर पूजता हूँ, ना मस्जिद में झुकता हूँ
मैं आवारा जानवर, तुम इंसानों से अच्छा हूँ

पुरूषोतम जो लंका दान में दे आया था,
ख़ातिर उसके तुम जमीं के लिए लड़ते हो।

मोहब्बत का पैगाम फैलाया जिस नबी ने,
ख़ातिर उसके तुम पत्थर बाज़ी करते हो।

क्या हम जानवरों को देखा है तुमने,
किसी खुदा की खुदाई के लिए लड़ते हुए।

ना हम निकाह करते हैं, ना अंतिम संस्कार,
बिना लिबाज पहने, हम तुमसे बेहतर जीते हैं।

जी कर मर जाना, मर कर जी जाना,
इसी जीवन को तो खुदा कहते हैं।।

हम जानवर तुमसे बेहतर हैं
ना मंदिर पूजते हैं, ना मस्जिद,
फिर भी तुमसे ज्यादा शुकून से रहते हैं।

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2 NOV 2024 AT 21:29

अपना क्या है यारो, जी कर चले जाएंगे
रह जाएंगी कुछ यादें, अपने भी रह जाएंगे।

धन कमाया जितना, वो अपनों में बट जाएगा,
नाम, इज्जत, अहंकार, सब दरिया में बह जाएगा।

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27 AUG 2024 AT 20:44

जो मुसलसल निकाल रहे हैं खामियां मुझमें,
क्या मालूम उन्हें,
इलाही की दुनिया भीतर मेरे समाई हुई है।।

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13 AUG 2024 AT 23:13

जंगल में आशियाने की नीभ लगाई हमने
पूंजी पूंजी जोड़कर डेयरी बसाई हमने।।

कितना आसान है उनके लिए घरों को तोड़ना,
हमसे पूछो कितनी मेहनत से छत बनाई हमने।

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