तेरे फूलों के गुच्छों से भरा पड़ा है मेरा गमला,बैशाख आने को है, कभी सींचने भी आ जाया कर। - abhi
तेरे फूलों के गुच्छों से भरा पड़ा है मेरा गमला,बैशाख आने को है, कभी सींचने भी आ जाया कर।
- abhi