Huleshwar Shriwas  
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Joined 3 January 2018


Joined 3 January 2018
19 JUN 2018 AT 20:54

हमने एक पुरानी कहानी को वापिस ज़िन्दगी बनाना चाहा
मगर ज़िन्दगी ने हमे फिर से एक पुरानी कहानी बना दिया

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12 JUN 2018 AT 11:59

ढलते मौसम में भी दोपहरी हो गयी है
उनके आने से दो खुशखबरी हो गयी है
एक नया रुतबा रहता है अब इन आँखों मे
और दूसरी मुस्कान से दोस्ती गहरी हो गयी है

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4 JUN 2018 AT 11:53

मशरूफ तुम तो महफूज़ हम भी हैं
मशहूर तुम तो मग़रूर हम भी हैं

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27 MAY 2018 AT 10:08

वादे कर मुकर जाना उनकी अदा में बड़े सलीके से था
मतलब उन्हें मुझसे नहीं मेरे इश्क़ करने के तरीके से था

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13 MAY 2018 AT 11:17

सुनो ना तुम्हारी बहुत याद आ रही है
गवाही मैं नही मेरी आँखे बता रही है

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7 MAY 2018 AT 13:50

हम कहीं दूर हो जाये
इसका तुम्हे कभी डर ना था
क्योंकि तुम्हे बखूबी था मालूम
इस दिल का और कोई घर ना था

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4 MAY 2018 AT 21:38

सबसे ख़ास रिश्ता है हमारा
तुम आंसू दिखाना नही चाहते
हम नम आंखों में मगरूरी लिए
तुम्हे वापिस पाना नही चाहते

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4 MAY 2018 AT 18:04

इरादे सही मगर निशाना गलत हुआ
शांति मिली मगर वीराना गलत हुआ
निकले थे सही गलत का हिसाब लगाने
दोनों सहीअपने में गर ज़माना गलत हुआ

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27 APR 2018 AT 1:03


23 APR 2018 AT 2:38

मुझे नीचा दिखाओ या चाहे जितना भी तुम अकड़ लेना
मगर याद आऊँ तो मेरी लिखी हुई शायरियां पढ़ लेना
तुम्हे ना भाये तो मुझे नज़रअंदाजी में वापिस रख लेना
मगर मुराद समझ जाओ तो मुझे वापिस जकड़ लेना

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