तेरी यादों के साए मै ,आज भी सो लेता हूं।
दिल तड़पता है , तन्हाई मै खुद को खो लेता हूं।
अब क्या बताऊं दर्द दिल का, इस कदर बढ़ गया है।
दिल हल्का करने, के लिए थोड़ा सा रो लेता हूं।
तेरी यादों के साए मै आज भी सो लेता हूं।
किस कदर छोड़ गई थी मुझे, गम का एहसास होने ना दिया।
मेरे आसुओं को एक कड़ी मै, पिरोने ना दिया।
अब तो रोते हस्ते हुए तेरा चेहरा नज़र आता है,
इस इतनी बड़ी दुनिया मै भी चार दिवारी का पहरा नज़र आता है।
तेरी यादों के साए मै सो लेता हूं,।
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