19 JAN 2020 AT 20:48

सब्र का बांध टूट गया है।
आंख से पानी छूट गया है।।
आज निकल जाने दो सारी भड़ास दिल की,
क्योंकि अब जिस्म से सांस जैसे रूठ गया है।।

- Silent soul