Harshal Chandratre HR   (ShayaR HR)
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Joined 3 August 2017


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Joined 3 August 2017

रोज मकान को घर बनते देखा हैं,
मैने उसे अपने आंगन में देखा हैं ।

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7 MAY AT 9:03

यादगार लम्हों का हिसाब करता हूं,
मैं तुझे मोहब्बत-ए-जिंदगी कहता हूं ।

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3 MAY AT 22:48

बचपन के वो खेल याद आने लगे हैं
दोस्त हमें मोहल्ले में मिलने लगे हैं।

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3 MAY AT 18:00

खूबसूरत किताब लिखने बैठा हूँ,
मैं तुझे आईने में देख बैठा हूँ ।

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1 MAY AT 13:31

सपनों को हकीक़त बनते देखा हैं,
मैने उन्हें अपनी गाड़ी में देखा हैं ।

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29 APR AT 21:24

तेरी हिम्मत की कदर करता हूं,
हां मैं तुझे जिंदगी कहता हूं ।

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26 APR AT 21:58

मुझसे अच्छी मेरी किस्मत लिख जा,
ये विधाता तू भी कभी माँ बन जा ।

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25 APR AT 15:40

तस्वीर लेने गए थे वो,
तस्वीर ही बन गए वो ।

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24 APR AT 8:56

फूल देता तुम्हें तो ही सही था साहब,
बात-बात में दिल देना भारी पड़ गया ।

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23 APR AT 17:41

हर कोई वादिया देखने आया था,
कमीनो ने हैवानियत दिखा दी ।

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