वो छोड़ के गए हमें,
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी,
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं,
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी.-
पहले पथरों पर भी नींद आ जाती थी हमें
रेशमी बिस्तर भी सताता हैअब हमें
करवट बदल गुजरती है हर रात अब मेरी
याद तेरी हर रात जगाती है अब हमें-
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन,
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम..-
ढूंढता रहा मैं इश्क को दिल की गहराई में,
कमबख्त मिला तो सही दर्द में तन्हाई में।-
जिन शामों में तुझे भूलना चाहें
वही रातें अज़ाब होती हैं
अपनी यादों के सिलसिले रोको
मेरी नींदे खराब होती हैं-
तुम ने कहा था आँख भर के देख लिया करो,
अब आँख भर आती है पर तुम नजर नहीं आते।-
चंद लम्हों के लिए एक मुलाक़ात रही,
फिर ना वो तू, ना वो मैं, ना वो रात रही।-
ना वो सपना देखो जो टूट जाये,
ना वो हाथ थामो जो छुट जाये,
मत आने दो किसी को करीब इतना,
कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये-
बिखरा वजूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ,
कितने हसीन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत।-
जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा,
टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी,
सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना,
मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।-