29 APR 2018 AT 15:27

जीत की हवस नहीं,
किसी पे कोई वश नहीं,
क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो

मौत अंत है नहीं,
तो मौत से भी क्यों डरें,
ये जा के आसमान में दहाड़ दो

- पियूष मिश्रा

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