कुछ लोग तुम्हें समझायेंगे,
वो तुमको ख़ौफ़ दिलायेंगे,
जो है वो भी खो सकता है,
इस राह में रहज़न हैं इतने,
कुछ और यहाँ हो सकता है,
कुछ और तो अकसर होता है,
पर तुम जिस लम्हे में ज़िंदा हो,
ये लम्हा तुमसे ज़िंदा है,
ये वक़्त नहीं फिर आयेगा,
तुम अपनी करनी कर गुज़रो,
जो होगा देखा जायेगा.- गुरुनाथ पाटील (शब्दगुरू)
13 DEC 2019 AT 23:17