इस जन्म में अभी बहुत कुछ घटित होना है.... अभी तुम मुझसे दूर गए हो अभी तो बस हम बिछड़े हैं अभी रात अमावस लग रही है अभी चांद में तुम दिख रहे हो अभी मन को आशा है आओगे तुम अभी तुमको सचमुच खोना है इस जन्म में अभी बहुत कुछ घटित होना है...
सातवां दिन गतिमान है वर्तमान में इस दिन में मेरा पूरा जीवन है ये छह दिन तो पूर्व जन्म थे मेरे स्वभाविक है इस जन्म भी तुम नही मिलोगे साथ जन्म का ही तो फेरा है ना तो अगले जन्म मतलब तुम मेरे हो।
छठा दिन नहीं था रात थी और रात भी अमावस की थी सवेरा कब होगा तुम जानते थे बस मुझे तो स्मृतियों को जगाना था शुरू से अब तक का सफर दोहराना था शायद कुछ छूट गया हो।
पांचवे दिन अपने गुप्तचर भेजे प्रेम की अनन्त गुफाओं में कि कहीं तो रोशनी दिखे और वो आकर बताएं मुझे कि तुम मिल गई हो उन्हे और ख्याल रखा कि तुम्हे पता ना हो।
चौथे दिन बस थकान मिटाई सफर की चिड़ियों से बाते की दिन भर और ख्यालों के घोसलें बनाए हमारी कहानी से मिलती कोई फिल्म देखी कुछ गजलें सुनी कुछ शेर गुनगुनाएं दिन भर में ये जाना तुम मेरी कविता हो।
तीसरे दिन तुम्हे खोजने निकला हर जगह जहां छांव दिखी मुझे उस जगह जहां जुगनू इकठ्ठे हो बहुत जहां रात को बरसात हो रही हो जहां समंदर पानी ले रहा हो नदी से जहां से सूर्य ताप लेकर निकलता हो।
पहले दिन सभी चिठ्ठियां पढ़ी तुम्हारी हर शब्द दोबारा पढ़ा बहुत गौर से जैसे पत्र नहीं कोई सोध हो और अविष्कार होना हो इससे एक नए ब्रह्माण्ड का जहां नियम तुम्हारे चलते हों।