Gaurav kumar   (Gaurav)
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Joined 3 May 2020


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Joined 3 May 2020
22 APR 2021 AT 12:29

बीते कुछ सालों मैं अगर सच मे पृथ्वी दिवस मनाया होता हमने।
तोह आज यूँ ऑक्सीजन के लिए न तरसने देती ये पृथ्वी।।
Happy earth day
Always put mask on your face and give trees some space.....

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21 APR 2021 AT 11:33

वो अबतक सवालो मैं उलझे है,
और दुनिया दूसरी बार खत्म होने को तैयार है।।।

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4 FEB 2021 AT 9:27

इस साल की बजट मैं मुझे तो बस तुझे कमाना है,
बस तेरी आँसूओ का घाटा कर
खुशियोँ का लाभ पाना है।

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10 JAN 2021 AT 10:36

चार भूखो को जो खिलाया
मसीहा क्या होता ईष्वर ने बताया।
मुस्कुरा दिया कोई भूखा तेरे एक कर्म से
मानो सौ मंदिरो मैं एक साथ दिया जलाया।।।

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9 JAN 2021 AT 23:38

बीच भवर फंसा सा मैं किसकी सुनु किससे कहूं,
राहो का कुछ पता नही बस यूँही चल पड़ा सा हूँ ,
बिना वजूद के धाराओं मे बस यूँ ही बहा सा हूँ ,
बीच समंदर एक टापू सा अकेला खुद को जिया सा हूँ।

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7 JAN 2021 AT 9:35

हम प्यार और रोज़गार मैं फसे रह गए
वो किसी और को दौलतमंद बना गए।।

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2 JAN 2021 AT 14:26

बीते गमो को अब
मैं बीते साल ही छोड़ जाऊंगा
खुशियों के दरवाजे को
अब जोर से थपथपाउंगा।
तेरी हर तस्वीर,
तेरी यादों,
तेरी बातों,
हर उस पल को
एक मीठी दर्द समझ
किसी कब्ररिस्तान मैं दफना आऊँगा।

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24 DEC 2020 AT 10:43

इस नई धूप की चाशनी मैं उसने अपने पैर निकाले ही थे।
की संप्रदाय,हिंसा,धर्म की राजनीति ने उसे बहरा बना दिया।

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14 DEC 2020 AT 11:42

जिस देश के अन्नदाता हो परेशान
फिर कैसे बने वो देश महान

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17 NOV 2020 AT 14:36

एक बात तुम्हे बतानी है
अब शाम की चाय फीकी
हँसी मैं मेरी मुस्कान झुठी
किनारो पर वो झनक सब अनचाही है
एक बात तुम्हे बतानी है,
तेरा दूर होना कुछ ऐसा खल गया,
मानो दिल के बर्फ़ीले चटान पिघल गया,
आँसुओ की बाढ़ अब हर रोज पलको को भीगाती है,
ख्वाब देखना भी अब बचकानी है,
एक बात तुम्हे बतानी है।
ये दौर अब नया सा है
पर उम्मीदों की आस पुरानी है,
जानता हूँ तू न लौटेगी अब
पर तेरी यादो की तस्वीर से ही जिन्दगी गुजारनी है।
एक बात तुम्हे बतानी है।।।।।।



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