मेरी कलम सेमज़रूह रहता हुँ मैं शब-ओ-रोज़ तेरी फ़िराक़ मेंके ये दिल भी अब मयखाना बन चला है ll - Akash ❣️
मेरी कलम सेमज़रूह रहता हुँ मैं शब-ओ-रोज़ तेरी फ़िराक़ मेंके ये दिल भी अब मयखाना बन चला है ll
- Akash ❣️