उगते हुए सूरज का भी कुछ इतना सा फ़साना है,
जलना है, रोशन करना है, डूबना है फिर लौट आना है।-
Motivational Speaker
Loves to write and sing.
Serving humanity and ... read more
चराग, दिये और रौशनी,
श्रद्धांजलि भी थी और हिम्मतों को सलाम भी,
लेकिन ढोल ताशे और पटाखों ने कहा,
कि अपनो की मौत का जश्न तो है ही कहीं।-
पिज़्ज़ा और तुम
तुम मुझे पिज़्ज़े जैसी लगती हो,
तुम्हारी नज़ाकत, नफ़ासत और अदब,
चीज़ से भरा हुआ, नाज़ुक सा बदन,
इसको छूऊँ या तुम्हारे हाथो को,
दोनो में एक बराबर सी नरमी है,
थोड़े नाज़ुक हैं, थोड़ी गरमी है।-
सब अरदासें, सब अर्ज़ियाँ, सब मन्नतें,
तुझे पाने को हैं, तुझमें सिमट जाने को हैं।-
Tumhari yaad me Zer-e- Aab hain Aankhen
Kabhi jhelam hain to kabhi Chenab hain aankhen-
सख़्त होता हूँ तो रिश्ते टूटने लगते हैं,
नर्म होता हूँ तो तोड़ा जाता हूँ।
फिर भी नर्मी की तरफ़ हूँ मैं अब,
लाख बार भले तोड़ा जाता हूँ, या मरोड़ा जाता हूँ।
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ये इश्क़-ए-हक़ीकी है, सरे राह नही दिखता है,
रूह से होता है, रूह में रहता है।
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आराध्य से प्रेम का सबूत बस प्रेम और अगाढ़ प्रेम ही है, किसी नास्तिक या अविश्वासी को अपशब्द कहना आराध्य के प्रति समर्पण का प्रमाण नही है, ना ही आराध्य को ये स्वीकार है।
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मैं तो रास्ते का एक पड़ाव था,
कुछ ठहर के वो गुज़र गया।
बस तोहमतें, बस रंजिशें मेरी रहीं,
मैं जहाँ गया, मैं जिधर गया।-