क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो
कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ साहब- SAFFAIN ( बेसुध )
13 MAY 2019 AT 21:26
क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो
कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ साहब- SAFFAIN ( बेसुध )