ख़्वाबिदा चश्मों मे तिरा यूं रोज़ो-शब आना... मुज़तर कल्ब को यूं हर दफ़ा बहलाना... बारे खु़दाया । नासज़ा है अब तो... बन्दे-इश्क से मेरा यूं रिहा हो जाना... - Dronika
ख़्वाबिदा चश्मों मे तिरा यूं रोज़ो-शब आना... मुज़तर कल्ब को यूं हर दफ़ा बहलाना... बारे खु़दाया । नासज़ा है अब तो... बन्दे-इश्क से मेरा यूं रिहा हो जाना...
- Dronika