हाँ तो अब चलने की बेला हो गयी है योरकोट से,सब कुछ समेटना नामुमकिन है,सो जो यहाँ है वो यहीं रहेगा। यहां मिले अनुभव, लोग, सीख शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल है,एक वक्त में ये हमारा दुसरा घर हुआ करता था, पर अब ये छूट रहा। बहुत सारी चीजें घूम रहीं मन में, अच्छे-बुरे वाकिये याद आ रहे, जो लोग छोड़ गये वो शिद्दत से याद आ रहे, पर बेबसी ऐसी की ना अब ये एप रहेगा और उनसे मिलने का मौका मिलेगा।
आज ब्लाक लिस्ट भी खाली कर दी कि जब जा ही रहे तो क्यों किसी को कैद में रखना।
मैं जानती हूँ और मानती भी हूँ कि मैंने यहाँ बहुत सारी गल्तियां की होंगी,आखिर इन्सान हूँ।तो हाथ जोड़कर भूल-चूक की माफी सबसे...🙏
बहुत याद आयेगा सब कुछ, सबसे ज्यादा हमारा कमेन्ट बॉक्स, जो कि अनमोल है...😒
अगर किसी को लगे कि मुझसे जुड़े रहना चाहिए तो इन्स्टा के गाँव में आ सकते हैं, ज्यादातर लोग पहले से ही जुड़े हैं, पर कुछ यहाँ के अलावा कहीं नहीं है। उनसे सिर्फ इतना ही कहूँगी, मन से जुड़े रिश्ते हैं तुम सबके साथ, बिना बताये गये तो कूट दूंगी...👊😐
कोशिश करूंगी कि लिंक बायो डाल दूं...🙌
जय राम जी की...🙋♀️
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