कि मैं खुश नहीं हूँ,
अब तो दिल का ये बोझ लिए भी
चहरे पर एक सूखी हसी रहती है,
सोचकर कि अभी तो मुझमे
और बहुत हिम्मत बाकी है ।- Auldrin
2 SEP 2018 AT 2:33
कि मैं खुश नहीं हूँ,
अब तो दिल का ये बोझ लिए भी
चहरे पर एक सूखी हसी रहती है,
सोचकर कि अभी तो मुझमे
और बहुत हिम्मत बाकी है ।- Auldrin