20 OCT 2023 AT 9:05

कहीं ज़मीन की जंग है,
कहीं धर्म का ज़िहाद है,
कहीं राजनीति है आमादा,
कहीं ताकत की आज़माइश है,
सिर्फ इक साधारण इंसान होकर जी ले,
थोड़ा संतोष का घूंट पी ले,
थोड़ा मैं तुझे बर्दाश्त करूँ,
थोड़ा तू संयम से जी ले,
फिर कहाँ कोई मसला, कहाँ बवाल है,
अगर तेरा मेरा में लड़ते रहे,
मैं बड़ा, तू छोटा करते रहे,
तो ये बर्बादी की आग कब बुझेगी,
ये मेरे ज़हन में है सिर्फ,
या तेरे दिल में भी यही सवाल है???
मासूम बहुत शहीद हो गये इस हैवानियत की जंग में,
अब बस भी करो, ये कत्लेआम है!!!!!

- Dr KUMAR SHEEL DWIVEDI