इश्क़ बयां यूं करते हो, लफ्जों में यूं न कैद करो...
बन कर ता–उम्र मुल्जिम, इसमें ही कैद रहो...-
DOCTOR, Tutor
सच की शब्दों में बयाँ करने का शौक़ीन।।
गुलाब–ए–नूर सी सोहबत है तेरी...
दूर जाता हूं दो कदम तो मुरझा जाता हूँ...
आदत–ए–ज़िंदगी तू इस क़दर बन गई है...
हर एक पल तुझमें उलझा सा जाता हूँ...
आंखें तेरी देती है सहारा मुझे इस क़दर..
ढूंढता हूं रास्ता अब इनमें डूब कर...
जो मिलता है इशारा...
उस राह अब जाता हूँ।।।।-
The most important word in this life is 'Value'.
If you value something honestly with all your heart;
then love trust loyalty everything will come automatically.
You don't have to put any extra effort.
अहमियत को समझ लिया जिस दिन...
प्यार के उसको पहचान लिया..
जिस दिन सीख लिया क़द्र करना..
समझना सब कुछ जान लिया...
प्यार का कोई मोल नहीं न कोई हिसाब है..
यह बस हे एक आज़ादी न कोई दवाब है...
बस रंग सुनहरा उसका; दिल में अपने भर लेना..
यहीं इश्क की हक़ीक़त यही इश्क का ख्वाब है..।।
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वक्त की यही बात हर वक्त सताती है...
बीती हुई घड़ी फिर नहीं आती है।।।
आगे बढ़ना तो हे नियम-ओ–मजबूरी..
गुजारे वक्त की कसक बस रह जाती है...
वो दौर था, उस ठहराव में थे...
सुलझी, शांत..सुकून सी छांव में थे...
ना था अंदाजा सब बदल जाएगा..
न जाने वक्त की कैसी नाव में थे ।।।
अब सब यादों में ही है सिमटा हुआ..
वो जो दौर था वो रेत सा फिसल गया..
वक्त है वो न किसी के हाथ में...
आंख लगी एक पल पूरा दौर निकल गया...
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मेरे दिल की हर सड़क उसी तक...
हर राह उसकी ही चौखट जाएगी...
मै रखूंगा बचा कर खुद को...
मुझे पहला रंग वही लगाएगी...।।
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एक भी पल तेरे बिना ना खास ज़िंदगी
पास होके भी ना पास ज़िंदगी
बस चुप बेबस सन्नाटे में हूं हर पल..
क्या बताऊं कितनी है उदास ज़िंदगी...
इस दिल को तेरे बिना कुछ भाता नहीं..
मुझे रहना तेरे बिना जरा भी आता नहीं..
तेरी तलब में हूं हर सुबह-ओ-शाम...
तेरे बिना मुझसे रहा जाता नहीं...
यह दिल नहीं चाहता तुझसे दूरी
एक पल भी... प्यार है या पागल पन
वो तो दिल जानता ही नहीं...मेरा इस पर
जोर नहीं... मेरी यह मानता नहीं....
ना हों कुछ भी बात भले, पर तू मेरे साथ हो,
भले फिर कही भी हो, चाहे दिन हो रात हो..
मै ना चाह करूंगा, ना परवाह करूंगा कुछ भी
बस मेरे दिल पर तेरा हाथ हो....
वीरान रहती है हर गली हर दुकान हर एक हिस्सा
कही से भी गुजरू.. सब बेरंग है सब खाली है...
अंधेरा तब ही है जब तू साथ नहीं है।।।
तेरे संग ही हर पल दिवाली है....
हर पल हर दिन, मन ही मन बस...
दिल मेरा इज़हार करता है...
जितना तुझमें रहता हूं और तड़पता है...
तुझसे और प्यार करता है....
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गुड़ से मीठे है तेरे संग सारे पल..
शक्कर सी मुस्कान तेरी..
मनभावन सी तेरी मौजदूगी....
शहद सी है पहचान तेरी...-
हुआ ना फिर एक पल भी अंधेरा...
तुम जुगनू सी बन जबसे आई हो...
बस रोशन रोशन सब लगता है...
तुम चमक धूप सी लाई हो...
तुम हर पल में रहती हो मेरे..
तुम मेरे ख़्वाबों में मुस्काती हो...
मेरे साथ रहेगी क्या हमेशा यू ही..?
तुम मुझे बहुत रास आती हो...-
हर पल तेरे बिना इतना खाली है..
हर पल तुझसे मिलने को बेताब हूं...
कितनी उलझन है हर पल मै यूं अकेले..
कैसे तुझे यह ज़वाब दूं...
चाहता हूं बस मिलु तुझे अभी
तेरे चेहरे की हंसी देखूं और सुंदर एक गुलाब दूं....
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रिश्तों ने हमारे एक खूबसूरत अंगड़ाई ली
एक नन्हीं सी गुड़िया ने जब तेरी ही परछाई ली
तेरे हर एक कतरे को इतनी शिद्दत से चाहा है।
रंग सुहाना तेरा ही हुबहूं उसमें पाया है।
हर्फ नहीं इतने मुझ पर, बस दिल में ये एहसास है
बेहद है साहस तुझमें, तू सबसे ज्यादा खास है...
जो दर्द सहा तूने इतना उसकी आहट दिल में रहती है..
भले मै न समझ सकु पर दिल में बेचैनी भी रहती हैं...-