छा जाए आज काली बदली बारिश बेहिसाब गिरे...
न गिरे पर महज पानी आज इसमें शराब गिरे...
हो नशे में ही सारी दुनिया एक पल को..
फिर एक प्यार मोहब्बत की हसीन किताब गिरे...
हो जाए दूर ईर्ष्या मोह चोरी चाकरी और हर ऐब...
कुछ ऐसा ही एक आसमान से ख़्वाब गिरे...
जो मिली हुई है कड़वाहट हर कतरा लोगों में...
वो बन मिठास बस घुल जाए ऐसे आज राब गिरे...
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DOCTOR, Tutor
सच की शब्दों में बयाँ करने का शौक़ीन।।
सफर चलेगा कब तक...
कब यह मौत आ जाएगी...
सुन्न है नब्ज़ देख कर हादसा..
यह बात दिल में रोज सताएगी...
हंसते खेलते पहाड़ों तले..
गोलियों से कुछ छल्ली हो गए...
कुछ लोग भीड़ में कुचल गए..
एक विमान फिर झुलस के आग हो गया...
क्यों जीवन इतना तार तार हो गया..
है प्रभु क्या यह जग ही गुनाहगार हो गया...
कुछ लोगों का मिला मृत शरीर...
कुछ लोगों की बस राख मिली...
क्या प्रलय का यह आरंभ प्रभु...
यह कैसी वक्त की माया....
यह कैसी वैशाख मिली....
थोड़ी कृपा तो करो प्रभु यह कैसी माया है...
ज़िंदगी थोड़ी कम हो रही मौत बड़ा साया है...
मृतक के परिवारों को शक्ति प्रभु प्रदान करो...
आन पड़ी जरूरत धरती पर आव्हान करो....
- (न्यायग्र)
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तुम रूठों तोह ज़रा मुझे मनाने तो दो,
आज अपने पास रखों सबको बहाने तो दो।।
मै बन जाऊंगा लून तुम आब बन जाना...
मुझे खुद में पूरा घुल जाने तो दो...
मै देता हूं आश्वासन न होगा अफ़सोस तुम्हे...
खुद के थोड़ा करीब मुझे आने तो दो...
की बरसो से रखा है होश जो संभाल के मैने
अब मुझसे नहीं संभालता थोड़ा बहक जाने तो दो..
सांसें उधड़ नहीं गई तुम्हारी तो कहना फिर
मेरे लबों को अपने कानो के पास लाने तो दो.
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हर एक रात से ख़्वाब मांगते हो क्यूं...
ज़िंदगी से हर पल ज़बाब मांगते हो क्यूं...
जब कर्म ही हे धर्म तो निभाते चलो..
हर पल ज़िंदगी से खिताब मांगते हो क्यूं।।।
जो मिल गया वो जी लिया बात गुप्त रही...
कभी अटका कोई कतरा किसी दीवार तले...
तो उस पल का हिसाब मांगते हो क्यूं..
दिखाना पड़ेगा कभी तो धैर्य भी इस सफर में...
हर मोड़ पर सोने सी आब मांगते हो क्यूं...
जो परीक्षा है इंतहान है वो तो देने ही होगा...
सुलझानी होगी कुछ गुत्थियां जो समझ न आए भी..
करने का साहस जुटाना ही सीखना होगा...
बिना मेहनत के आसान राह की किताब मांगते हो क्यूं...
हर एक रात से ख़्वाब मांगते हो क्यूं...
ज़िंदगी से हर पल ज़बाब मांगते हो क्यूं...
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इश्क़ बयां यूं करते हो, लफ्जों में यूं न कैद करो...
बन कर ता–उम्र मुल्जिम, इसमें ही कैद रहो...-
गुलाब–ए–नूर सी सोहबत है तेरी...
दूर जाता हूं दो कदम तो मुरझा जाता हूँ...
आदत–ए–ज़िंदगी तू इस क़दर बन गई है...
हर एक पल तुझमें उलझा सा जाता हूँ...
आंखें तेरी देती है सहारा मुझे इस क़दर..
ढूंढता हूं रास्ता अब इनमें डूब कर...
जो मिलता है इशारा...
उस राह अब जाता हूँ।।।।-
The most important word in this life is 'Value'.
If you value something honestly with all your heart;
then love trust loyalty everything will come automatically.
You don't have to put any extra effort.
अहमियत को समझ लिया जिस दिन...
प्यार के उसको पहचान लिया..
जिस दिन सीख लिया क़द्र करना..
समझना सब कुछ जान लिया...
प्यार का कोई मोल नहीं न कोई हिसाब है..
यह बस हे एक आज़ादी न कोई दवाब है...
बस रंग सुनहरा उसका; दिल में अपने भर लेना..
यहीं इश्क की हक़ीक़त यही इश्क का ख्वाब है..।।
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वक्त की यही बात हर वक्त सताती है...
बीती हुई घड़ी फिर नहीं आती है।।।
आगे बढ़ना तो हे नियम-ओ–मजबूरी..
गुजारे वक्त की कसक बस रह जाती है...
वो दौर था, उस ठहराव में थे...
सुलझी, शांत..सुकून सी छांव में थे...
ना था अंदाजा सब बदल जाएगा..
न जाने वक्त की कैसी नाव में थे ।।।
अब सब यादों में ही है सिमटा हुआ..
वो जो दौर था वो रेत सा फिसल गया..
वक्त है वो न किसी के हाथ में...
आंख लगी एक पल पूरा दौर निकल गया...
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मेरे दिल की हर सड़क उसी तक...
हर राह उसकी ही चौखट जाएगी...
मै रखूंगा बचा कर खुद को...
मुझे पहला रंग वही लगाएगी...।।
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एक भी पल तेरे बिना ना खास ज़िंदगी
पास होके भी ना पास ज़िंदगी
बस चुप बेबस सन्नाटे में हूं हर पल..
क्या बताऊं कितनी है उदास ज़िंदगी...
इस दिल को तेरे बिना कुछ भाता नहीं..
मुझे रहना तेरे बिना जरा भी आता नहीं..
तेरी तलब में हूं हर सुबह-ओ-शाम...
तेरे बिना मुझसे रहा जाता नहीं...
यह दिल नहीं चाहता तुझसे दूरी
एक पल भी... प्यार है या पागल पन
वो तो दिल जानता ही नहीं...मेरा इस पर
जोर नहीं... मेरी यह मानता नहीं....
ना हों कुछ भी बात भले, पर तू मेरे साथ हो,
भले फिर कही भी हो, चाहे दिन हो रात हो..
मै ना चाह करूंगा, ना परवाह करूंगा कुछ भी
बस मेरे दिल पर तेरा हाथ हो....
वीरान रहती है हर गली हर दुकान हर एक हिस्सा
कही से भी गुजरू.. सब बेरंग है सब खाली है...
अंधेरा तब ही है जब तू साथ नहीं है।।।
तेरे संग ही हर पल दिवाली है....
हर पल हर दिन, मन ही मन बस...
दिल मेरा इज़हार करता है...
जितना तुझमें रहता हूं और तड़पता है...
तुझसे और प्यार करता है....
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