21 FEB 2018 AT 17:43

मुहब्बत के मौसम में जुदाई की रसमें निभा रही हूँ
बस थोड़ा सा सुकून बख़्श मेरी रूह को

इन छलकते आँसूओं में उसकी तसवीर न बह जाए।

- ©Divyasha Om