मैं लालची हो गई हूँ
पर बस तेरे प्यार की !
मैं लालची हो गई हूँ
पर बस तेरे वक्त की !!
चारो पहर काट लेती हूँ
पर न जाने कब कटेगी
ये पहर तेरे इंतजार की !!!
राधेकृष्ण-
कभी जन्म तो नहीं दिया था तुझे
पर तेरे नन्हें हाथों ने थाम रखा था कभी मुझे !!
कभी दूध तो नहीं पिलाया था तुझे
पर तेरे नाजुक से देह ने छाती से लगा रखा था मुझे !!
जब तेरे नन्हें पैरों ने गिरा दिया था तुझे
कभी तेरे तुतलाते हुए आवाज़ ने घोड़ा बना दिया था मुझे !!
अभी याद भी होगा कि नहीं तुझे
पर तेरे सर से बहते खून देख चक्कर आ गया था मुझे !!
मैं माँ तो नहीं थी तेरी
पर वात्सल्यपूर्ण प्रेम जरूर किया था तुझे !!
कभी बाते बंद नहीं होती थी तेरी
अब तो दिदि शब्द सुनने के लिए भी तरसा दिया है मुझे !!
जो कभी माँ पापा से बचने के लिए छाती से लिपट जाता था
आज अजनबी के भांति अनदेखा कर दिया है मुझे !!
तुम्हें अहसास भी नहीं होगा कि कैसे झंझोर जाती है ये छाती
जब मेरे छुअन भर से भी अब तकलीफ होती हैं तुझे !!
कभी जन्म तो नहीं दिया था तुझे
पर मैंने इन्हीं हाथों से थाम रखा था कभी तुझे !!!
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वक़्त चाहे जो हो
हर वक़्त साथ निभाएँगे हम !
जब कभी कमजोर पड़े
तो उस वक़्त सहारा बन जाएँगे हम !
जब कभी सफल हुए
तो उस वक़्त को थाम दुगना खुशी भर देंगे हम !
ये प्यार ही तो हैं आपका
जो इतने बदल गए हम !
पाकर साथ आपका
लो पूरे हो गए अब हम !
अब जो पूरे हुए हम
तो कभी न खोने देंगे हम !
वक़्त चाहे जो हो
हर वक़्त साथ निभाएँगे हम!
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इंसान का नाम उसका काम नहीं ,
बल्कि इंसान का काम उसका नाम बनाती हैं !
किताबें तो बस शब्द बताती हैं ,
पर ज़िन्दगी उन शब्दों का मतलब सीखा जाती हैं ।।।
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पिछले 10 सालों से जानते हैं हम एक दूसरे को,
पर साल जरूरी नहीं,
जरूरी तो एक दूसरे को समझना होता है ,
वरना रिश्ते तो सालों बाद भी टूटते हैं ।
इतने साल मुझको समझे ,
अगले साल भी मुझको इतना ही समझोगे क्या ?
अपने बीते हुए कल को ,
मेरे बिन कुछ पुछे सामने रख दिया था आपने ,
उस मोहब्बत से मोहब्बत है मुझे ,
अगले साल भी मुझको इतना ही मोहब्बत करोगे क्या ?
लोग कहते हैं ज्यादा उम्मीद नहीं करना चाहिए ,
पर उम्मीद पर तो दुनिया कायम हैं ,
मेरी एक उम्मीद आप पूरा करोगे क्या ?
मैं अापका नाम अपनाना चाहती हूँ ,
आप अपने नाम का सिंदूर मेरे माँग में भरोगे क्या ?
आपका मेरे लिए विश्वास, ईमानदारी और मोहब्बत से मोहब्बत है मुझे ,
अगले साल भी मुझको इतना ही मोहब्बत करोगे क्या ?
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तू करता जा दुष्कर्म, तुने क्या किया इस बात का अहसास तुझे आज न होगा ।
अहसास तो तब होगा तुझे , जब तू खुद एक लड़की का बाप होगा ।।
रक्त और पीड़ाओ से सनी, वो खुद को कैसे सम्हालती होगी
इस बात का अहसास तुझे आज न होगा ।
अहसास तो तब होगा तुझे , जब तू खुद अपनी बेटी के घाव देख रोता होगा ।।
भले ही न कर तू इज्ज़त हमारी, इज्ज़त क्या होता है
इस बात का अहसास तुझे आज न होगा ।
अहसास तो तब होगा तुझे , जब तेरा ही नाम रौशन करने का तेरी बेटी का एकलोता सपना होगा ।।
तेरे किए हर चीज़ का अहसास होगा तुझे, जब तू खुद एक लड़की का बाप होगा ।।-
तेरे करीब आने के बाद भी
तेरे जिस्म से मुहब्बत नहीं, जिस्म तो बाजारो में भी बिकती हैं
ऐसा सोच रखने वाले आशिक़ो की मुहब्बत शादी तक जाती हैं!!-
करीब 3 साल पहले ,
कुछ यूँ शुरू हुई थी कहानी हमारी ,
एक bench के लिए ,
जाने क्यूँ लड़ाई हो गई थी हमारी ।
हर चीज़ बिगड़ जाती ,
जब जब मुलाकात होती थी हमारी ,
कुछ यूँ शुरू हुई थी कहानी हमारी ।
एक दूसरे को block करके भी
कभी बाते बंद नहीं होती थी हमारी ,
एक दूसरे के साथ बैठकर पढ पाए
इतना तो आसान नहीं थी कहानी हमारी ।
पढने का जोश लेकर बैठते थे दोनों
पर सिर्फ पढाई ही नहीं होती थी हमारी,
कुछ यूँ शुरू हुई थी कहानी हमारी ।
तेरे साथ किए हुए झगड़ो को आज याद करके
ना जाने हँसी क्यूँ अा जाती अब मेरी ,
कि कुछ यूँ शुरू हुई थी कहानी हमारी !!!
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किसी को अपना बनाने के लिए
काम तक छोड़ दिया करते थे जो ,
आज शादी या रिश्तो में जब वक्त चाहिए
तब "अपनी ही तो हैं " यह सोचकर
रिश्तो का मतलब भूल जाया करते हैं वो !!!-
घर का बड़ा होने का सौभाग्य भी पाया हैं मैने
पर एक लड़का नहीं एक लड़की हूँ मैं
जिम्मेदारियाँ भी सम्हाले रखा हैं मैने
पर एक लड़का नहीं एक लड़की हूँ मैं
अपनो के लिए खुद के जूते भी फाड़े हैं मैने
पर एक लड़का नहीं एक लड़की हूँ मैं
अपनो के लिए अपने ही दर्द छिपाएँ हैं मैने
पर एक लड़का नहीं एक लड़की हूँ मैं
अपनो के ख्वाब पूरा करने अपने ख्वाबो को भी दबाए हैं मैने
पर एक लड़का नहीं एक लड़की हूँ मैं
एक लड़का नहीं एक लड़की हूँ मैं ।।।
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