Divyansh Sharma  
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She's my queen, my arms her castle❤️
Joined 7 January 2018


She's my queen, my arms her castle❤️
Joined 7 January 2018
13 MAY 2020 AT 18:57

~9th Feb 2018~

तुम्हें देखूँगा तो सब भूल जाऊँगा मैं,
ये मत समझना आँखें चुरा रहा हूँ!

जाने का न मन था न ही थी मुझमे हिम्मत,
तुम ने कहा आओगे? मैंने कहा आ रहा हूँ!

आज भी तुम्हें देख कर, ये धड़कन बेचैन है,
तीन साल पहले जो कह ना सका,वो बता रहा हूँ!

सब कह रहे हैं मेहबूब को अपने चांद,
इक मैं हूँ जो तुमसे चाँद को जला रहा हूँ !

जबसे तुमने छूआ कुछ ध्यान नहीं रहता,
भूल गया हूँ क्या पिया था क्या खा रहा हूँ !

मेरे मुकद्दर की बस शान एक है,
मैं जन्मों से तुमसे इश्क़ फर्मा रहा हूँ!
❤️❤️❤️

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11 MAY 2020 AT 23:25

ये जानाँ वस्ल की शब है तुम पर्दे में न आया करो,
गले लगो बाहों में आओ और थोड़ा मुस्कुराया करो,

ख्वाहिश है मेरी मुद्दत से, हंसी को तुम्हारी छू लूँ ,
ये उँगलियां लबों पे रखो यूँ ना वक़्त जा़या करो,

कोई नाम ले तुम्हारा तो जान आजाती है,
तुम्हें भी ऐसे होता है? बताया करो

ज़माने से परेशान एक नींद की तलाश में हूँ,
अपने हाथ मेरे माथे पे रख, गोद में सुलाया करो,

धड़कने बढ़ाने को तुम्हारा दीदार ही काफ़ी है,
मुझे दिल थामने दिया करो,फिर काजल लगाया करो!

©Dvynsh_pandit




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7 MAY 2020 AT 7:20

हैं मौजूद ज़माने में मजहब औ ज़ात और भी,
उस आशिक के इश्क़-तमाम की बात और,

होती होंगी हज़ारो रातें सुकूं भरी,
उसके साथ बिताई एक शाम की बात और,

हर इंसान के इबादत के तौर अलग हैं,
मेरे लिए तो उसके नाम की बात और,

गया हूँ ऐसे तो मैं मंदिर बेहिसाब,
उसकी गोद के आराम की बात और,

हैं लोगों के तरीके तबीयत सवारने के,
उसके मुस्कुराने के इंतज़ाम की बात और!! ♥️



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26 APR 2020 AT 12:07

और जब तुम्हारा नाम चमकने लगे,
मैं होठों से लगा लूँ उसे,
और मुस्करा कर कह दूँ,
इश्क़ तमाम दुनिया का,
और उछाल दूँ अपने दोनों हाथ,
असमान की ओर...❤️

(full poem in caption)

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2 APR 2020 AT 0:13

ये ठंडी हवाएँ ,ये चाय का कप,
फिर भी आँखों में देखो नमी है,
इस शहर में सब कुछ है,
बस! तुम्हारी कमी है,
वो बातें तुम्हारी, वो रातें हमारी,
इस मखमल के बिस्तर से
बेहतर वो ज़मीं है,
इस शहर में सब कुछ है,
बस! तुम्हारी कमी है,
अभी रात है या सहर,
हमें क्या खबर,
अब वक़्त की कोई कदर ही नहीं है,
इस शहर में सब कुछ है,
बस! तुम्हारी कमी है,
रोज़ ख्वाब में देखता हूँ,
वो गोद तुम्हारी,
मैं लेटा हूँ जिसमें,
तुम्हारा हाथ पकडे ,
तुम कहती हो इश्क़ मेरे कानों में हल्के,
सुन कर जिसे फिरसे धड़कन थमी है,
इस शहर में सब कुछ है,
बस! तुम्हारी कमी है !! ♥️
~dvynsh_pandit

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2 APR 2020 AT 0:06

फरिश्तों से पूछा खुदा रेहता कहाँ है,
फरिश्तों ने तेरा पता बता दिया,
मगरूर था आफताब अपने नूर पर,
तेरे चेहरे ने उसका वहम मिटा दिया,

उठा सवाल मोहब्बत में क्या किया है तुमने?
एक दिल ही तो था, वो भी लुटा दिया,
पूछा चांद से जब आती चाँदनी कहाँ से,
तेरी मुस्कान देख उसने अपना सर झुका दिया,

किसी रोज़ महफ़िल में साँसें थम गईं,
साँसों से पूछा क्यूँ? तेरा वस्ल दिखा दिया,
पूछा रूह से मैंने, रहना अब कहाँ है?
तेरी आँखों से तेरे दिल का रस्ता दिखा दिया!! ♥️



*वस्ल - आना (arrival)
*मगरूर - गुरूर में (proud)
*आफताब - सूर्य (sun)

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21 MAR 2020 AT 18:20

मुद्दत पहले उसकी बातें से जो हश्र हुआ,
आज उसकी जुल्फों के साए में रहता हूँ,
मेरे हर शेर पर वाह वाह क्यूँ न होगी,
मैं इश्क़ की आवाज़ में उसके ख्याल कहता हूँ!

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16 FEB 2020 AT 5:17

सवाल है, खुदा किसको कहां दिखता है? ,
मेरी जानाँ मेरे रुबरु हो, वहाँ देखता हूँ,
मेरी चाहत है, रातें तुम्हें सोते देख गुज़रे,
तुम्हारे पाक रुख पे आस्मां देखता हूँ
अक्सर करता हूँ बंद दो पल को ये आंखें,
वो पुराना स्कूल वाला लम्हा देखता हूँ,
आगोश में तुम्हारे तिलिस्म ओ सुकूं इस कदर है,
मैं खुद की हिफ़ाज़त सबसे वहाँ देखता हूँ,
तुम्हारे इश्क़ का गुरूर यूँ है कि,
मैं खुद से नीचे तमाम ज़माना देखता हूँ!!!

~dvynsh_pandit



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28 DEC 2019 AT 14:29

If you feel a prick on your hand,
I would feel a bullet on mine.
That's how much you mean to me!
❤️

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28 DEC 2019 AT 4:34

आँखें बंद करके तेरे लबों का नज़ारा देखा,
आज फिर ख्वाब सी हक़ीक़त को दोबारा देखा,
'मेरा- तेरा' का रिवाज़ है ज़माने में,
मैंने जब भी देखा, 'हमारा' देखा,
कहीं कुछ छूट रहा था सदियों से मुझमें,
तेरे दिल में देखा, खुद को सारा देखा,
तमाम इश्क़ लिखा है किताबों में मगर,
मैंने तो बस तेरी आँखों का इशारा देखा!❤️

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