बीती बातों में क्या रखा है?
बीती बातों में रखा है ,
कुछ खास बिताए वो पल,
वो तेरे आने कि आहट ,
जीवन का हर लम्हा ,
तुम्हारे संग बिताने की चाहत।
थोड़ी सी नहीं ,यह बीती बातें ,
बहुत सी है ,वो सिमटी यादे ।
जिन्हें भुला पाना,
आसान नहीं होता ।
न जाने कैसे कह देते हैं लोग,
बीती बातों में क्या रखा है ।
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लोगों से मुलाकातों के,
लम्हे याद रखती हूं ,
मैं बातें भी भूल जाऊं तो,
लहजे याद रखती हूं,
मैं यूं तो भूल जाती हूं,
खराशे -तलख बातों के,
मगर जो जख्म गहरे दे ,
वह रवैया याद रखती हूं।✍️-
दोस्त भी तुम ,प्यार भी तुम,
एक भी तुम ,हजार भी तुम ,
माफी भी तुम ,गुस्सा भी तुम ,
जिंदगी के सफर में ,
मेरे लिए काफी हो तुम।❣️-
Khamosh chehre per bhi hazaar
pahre hote Hain,
Hasti aankhon mein bhi jakhm
gehre hote Hain.-
मैं सुबह को दोपहर लिखूं ,
दोपहर को शाम लिखूं।
मैं सुबह को दोपहर लिखूं ,
दोपहर को शाम लिखूं।
अगर लिखना पड़े दुनिया की
सबसे खूबसूरत चीज को,
मैं हर जगह तेरा नाम लिखूं।-
प्रेम गीत कैसे लिखूं जब
चारों तरफ गम के बादल छाए है।
नमन है मेरा उन शहीद जवानों को ,
जो तिरंगा ओढ़ कर आए हैं।-
मैं ,तस्वीर देख तुम्हारी ,
कर आंखें बंद चित्र बना लेती हूं।
जब जब याद आए तुम्हारी ,
खुद की आंखों को ही आईने में देख लेती हूं।-
दिन हुआ है तो रात भी होगी ,
हो मत उदास कभी तो बात भी होगी।
इतने प्यार से दोस्ती की है ,
जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।-
मेरे दिल में कुछ इस कदर ,
मोहब्बत है उनके लिए।
सोए तो ख्वाब उनके ,
जागे तो ख्याल उनके।।-
हम तो मौजूद थे ,जनाब
अंधेरों में भी उजालों की तरह ,
तुमने ढूंढा ही नहीं ,
ढूंढने वालों की तरह ।-