दिन नया, रात को आगोश में ले अपने चला आता है हर रोज़
व्याकुलता को मिटाने, सुबह के उजले सवेरे कर जाने
यादों की किताबों का रंग कभी फीका नहीं पड़ता
//दिव्या //- Knotsuntangled
12 APR 2018 AT 23:10
दिन नया, रात को आगोश में ले अपने चला आता है हर रोज़
व्याकुलता को मिटाने, सुबह के उजले सवेरे कर जाने
यादों की किताबों का रंग कभी फीका नहीं पड़ता
//दिव्या //- Knotsuntangled