विशेष दोहे -
सारी अक्ल लगा चुके.... काल करे अट्टास,,
बिसात का बाजा बजा, हुआ दंभ का नाश।।
मंगल पर मंगल करे, यहाँ अमंगल खास,,
कोराना से दम फुले, ले आ वापस साँस।।
साँस उसी ने छीन ली, जिसने दी है साँस,,
एलियन को खोज रहे, रोक सके ना नाश।।
साँसों का रिश्ता जरा, कर ले तू पड़ताल,,
कौन है भगवान कहाँ, ले सुध तू तत्काल।।
कहाँ छिपा वो कौन है, हो उसकी ही जाँच,,
घाट उतारे काल को.... रोके जो हर आँच।।
तू आत्मा का ज्ञान ले, परमात्मा को जान,,
जो जन्म-मृत्यु से परे, रहस्य वो पहचान।।
दिनेश एल० "जैहिंद"
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