इन नफ़रतों के दरमियान, प्यार की कुछ बूंदे छलकी है।खुदा के दर पे मानो मेरा रोज़ा आज कबूल हुआ है॥ - दीक्षा❤️
इन नफ़रतों के दरमियान, प्यार की कुछ बूंदे छलकी है।खुदा के दर पे मानो मेरा रोज़ा आज कबूल हुआ है॥
- दीक्षा❤️