16 MAR 2020 AT 19:44

शब्दों का यह उलट फ़ेर देखिए
कभी जो सुहाते थे
आज बिल्कुल नहीं भाते हैं
कंठ तब भी वही था
कंठ आज भी वही है
तब आवाज़ लरज़ती थी
अब कानों को चीरती है
तब अंदाज़ बड़ा भाता था
अब बर्दाश्त नहीं हो पाता है
कंठ तब भी वही था
कंठ आज भी वही है

- Dhiraj