फिर कर्जदार अपना कर्ज भूल जाए,
कीसी पर इतना एहसान नहीं करना।-
Dhara
(Dhara)
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Deeds decide destiny
Joined 3 July 2020
25 MAY AT 22:33
अत्र शिव तत्र शिव,
जगतगुरु परमेश्वर सर्वत्र शिव,
चारों लोक का तात्पर्य शिव,
सर्व जीव का आशय शिव,
भोले भक्तो के देव सदैव शिव,
ज्योतिषी के आधार शिव,
शुभ कलश की वसोधार शिव,
काल में चंचल नही वो महाकाय शिव,
देवो के देव का आशय शिव,
सम्पूर्ण ब्रह्मांड का रूप शिव,
लय एवम प्रलय का स्वरूप शिव,
जन्म पुनर्जन्म का आदि शिव,
अंत आरंभ में अनादि शिव।
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18 MAR AT 13:20
किसी कब्र पर जाकर बहुत रोया वो, उसे लगा की गुमशूदा हू मै
अरे! वो बिछडा मुझसे इस कदर की उसे ये तक याद नही की जिंदा हू मे !!-