हम हिन्दी भाषी लोग हैं जो दिल को दिल जोड़ते हैं.....,,,
सरल और सुगमता ही हमारी पहचान है.....!!!
जो हर प्रांत को अपनी शिद्दता प्रेम वाणी जोड़ता हैं.....,,,
अभिमान नहीं गर्व करते हैं फ़कत देवेन्द्र कि हम हिन्दी भाषी हैं.....!!!-
जबसे रूबरू हुआ हूं तेरे
मोहब्बत-ए-एहसास से
भरे हुए अल्फाजों से.....,,,
तब से धड़कन-ए-दिल का
कतरा कतरा तड़फ रहा है
दीदार-ए-ख़ास को.....!!!
ये जानता है फ़कत देवेन्द्र कि
तू चांद है किसी की
जिन्दगी-ए-ख़लूस का.....,,,
मग़र ये जज़्बात-ए-चाहत तो मेरे
बस में नहीं जिसने बिन स्वार्थ
के रूह में समा लिया हैं.....!!!-
ना होती ऐ जिन्दगी तुझसे गर
मोहब्बत तो.....,,,
ये ख़्वाबगाह में होता फ़कत देवेन्द्र का ये जन्म.....!!!
ना गुजारता मैं जीवन के तूफानों
से और ना करनी पड़ती मेहनत मशक्कत......???-
जिन्दगी की चाह में जिन्दगी की राह
पर चलते चले.....,,,
उम्मीद थी दरिया-ए-मोहब्बत और
मंज़िल-ए-मकसूद को पा लेंगे हम.....!!!
मग़र जो मिला इस बेदर्द-ए-राह पर
फ़कत देवेन्द्र को.....,,,
सिर्फ़ अपने मतलब से ही मिला ना
समझा मेरे जज़्बात को.....!!!
अपना स्वार्थ पूरा किया और अकेला
छोड़ कर चल दिए.....,,,
सबक बहुत सिखाया इन मतलबी लोगों
ने अब कठोर इन्सान बना दिया.....!!!
अब छोड़ दिया वो भोलापन छोड़ दिया
किसी पर विश्वाश करना.....,,,
जब मिलते हैं वो कभी राह में चलते
हुए पछतावा बहुत करवाता हूं.....!!!-
बिन सिखाए
कभी मानती नहीं.....,,,
चाहे जितना भी ज़िद्द करले इन्सान सबक
सिखाए बिना मानती ही नहीं.....!!!
इस लिए कहता है फ़कत देवेन्द्र जब
नियति समझ आ जाए ख़ुद को.....,,,
फ़िर उस राह पर चल ख़ुद ब ख़ुद पड़ो
बिन सोचें और समझे.....!!!
मंज़िल तक पहुंचना आसान हो जाएगा
मुश्किलें जल्दी हल हो जाएगी.....,,,
बस हर क़दम विश्वास से और ईमानदारी
से रख कर आगे बढ़ते चलते रहो.....!!!-
स्वस्थ और स्वच्छ जीवन जीने की चाह
में जिद्दोजहद करते हैं हम.....,,,
जिन्दगी की आख़िरी साॅंस तक इस
तरह ही चलते रहे हम.....!!!
ना मुकम्मल-ए-मंज़िल मिली ना
साहिल-ए-मोहब्बत को पाया हमनें.....,,,
गर मिला फ़कत देवेन्द्र को बेदर्द-ए-इश्क़
और अधूरी मुकाम.....!!!
जिसे पाने की चाह में बे-इंतेहा ठोकर खाई
बे-पनाह मशक्कत करी है हमने.....,,,
मग़र एक सकून है ख़ुद को कि जो किया
ईमानदारी के साथ और बिन
स्वार्थ के.....!!!-
Meditate regularly The name of "God"......,,,
Who makes me my self strong and powerful.....!!!
To face and solve the issue of life easily.....,,,
So Fakat Devender became a strongest man in his field.....!!!
And return properly to the world which God's give in my life.....,,,
Happiness n prosperity to fair and holy people distribute equallent.....!!!-
ऐ मेरे दिल-ए-महताब मत बैचैन हो इस ग़लफत भरे दौर में.....,,,
तेरी पेशानी-ए-सीमीं को थामे हुए फ़कत देवेन्द्र हैं साथ.....!!!-
ऐ मेरे जिन्दगी के बक्शनहार
मेरे परमात्मा.....,,,
ये जीवन ये सांसे तेरा ही दिया
हुआ वरदान है.....!!!
इतनी क्षमता बख्श अपने भगत
फ़कत देवेन्द्र को.....,,,
कि कोई ग़लफत ना हो किसी का
दिल ना दुखे इस दौर-ए-हयात
में.....!!!
सत कर्म करता जाऊ अपनी
राह-ए-मंज़िल पर चलते
चलते.....,,,
पहुंच जाऊ अपनी मंज़िल-ए-दस्तुर
पर मोहब्बत को बांटते हुए.....!!!-
O My God please hold my hand.....,,,
So that I can improve my special life.....!!!
So that I can reach the destination of the work.....,,,
for which you have given fakat Devender a human birth.....!!!-