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Deepank Agrawal
(शब्दमाला✍Deepank Agrawal)
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Writer
Joined 19 October 2023
14 AUG AT 14:37
बस इतने से ही
देश भक्त है हम,
तिरंगे से शुरू भक्ति
और तिरंगे पर ही खत्म।।-
11 AUG AT 13:53
अंत नहीं आसमान का
और धरती का कोई छोर नही,
बीतता निरंतर जीवन,
पीछे खींच ले वापस इसे
ऐसी कोई डोर नही।।-
9 AUG AT 21:38
बांधा है जो तूने रक्षासूत्र
उसका मैं मान रखूंगा
तेरी सुरक्षा का मैं
हर समय ध्यान रखूंगा,
कलियुग में बढ़ गए है
दानव और राक्षस बहुत
लेकिन मैं वचन देता हूं,
कोई उठाएं आंख भी तुझ पर
तो उसका सर काट कर मैं
तेरे चरण स्थान रखूंगा।-
9 AUG AT 13:44
प्राचीन सनातन संस्कृति में
ये धागा बंधन है-
रिश्तों की मर्यादा का
रिश्तों में समर्पण का
रिश्तों में जुड़ाव का
सुरक्षा के भाव का।
रक्षाबंधन की शुभकामनाएं💐-