जहां नदियाँ जाना छोड़ दे वहाँ रेतीले तूफान आते है,
इश्क़ में सब हार जाने वाले आज अय्याश कहलाते है।।— % &-
जब जब तेरी याद टकराती है, तिल तिल कर मारता हूँ खुद को,
कागज की तरह फाड़ता हूँ, जीत की तरह हारता हूँ खुद को।।— % &-
मोह और इच्छाओं ने
रोक लिया,
स्त्री और पुरुष
के तन को,
उनके मन को,
मीरा और बुद्ब हो जाने से
वो बन के रह गए
एक आम इंसान।।-
मैं गीता को पूजता हूँ, कुरान को भी मानता हूँ,
जिनसे जमीन थर्राये, ऐसे हमारी आर्मी को जानता हूँ।।-
ना कोई दवा ला कर दे, ना कोई दुआ करे
मुर्दो का शहर है साहब, कोई मरे तो मरे।।-
लक्ष्मी तिजोरी में हो
ये तो सब चाहते है,
अगर पेट में हो
तो नोंच खाते है।।-
मेरी तड़प देख चीखा शहर, खुदा ये कैसा कहर है,
सब दूर रहो मुझसे, मेरा हर एक लफ्ज जहर है ।।-
उस बेवफा की आज भी सफाइयां देता है दिल,
समझ नही आता ये मेरा है या उसका वकील।।-
दिल ना ढूँढो मेरी चिता की राख में,
जिस्म जला है, दिल जले अरसा हो चला है।।-
मैं तिमिर वासी ठीक हूँ, मुझे ना कोई आफताब चाहिए,
इश्क़ ए शिकस्त की शाम है , मुझे बस शराब चाहिए ।।-