तुम शायद तारों की बनावटदेखने में मशरूफ थे,उस रात तारों की नुमाइश मेंदिलों का सौदा हुआ था -
तुम शायद तारों की बनावटदेखने में मशरूफ थे,उस रात तारों की नुमाइश मेंदिलों का सौदा हुआ था
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तेरे बदन पर लिखनेदे आज अशआर मेरे,एक नज़्म है जोतुझे सुनानी है -
तेरे बदन पर लिखनेदे आज अशआर मेरे,एक नज़्म है जोतुझे सुनानी है
वक़्त का कुछ अंदाज़ा ही न रहा,रात, तेरी नज़रें पढ़ने में कुछ यूँ कटी -
वक़्त का कुछ अंदाज़ा ही न रहा,रात, तेरी नज़रें पढ़ने में कुछ यूँ कटी
कितनी बातें बाकी हैं ये तुम्हारे आने के बाद पता चलाएक उम्र बचा कर रखी थी तुम्हारे लिए -
कितनी बातें बाकी हैं ये तुम्हारे आने के बाद पता चलाएक उम्र बचा कर रखी थी तुम्हारे लिए
खिडकी का कांच नीचे करते हुएजो सर्द हवा का झोंकामेरे बालों को छूकर निकलाकुछ यूं हुआ कि तेरी खुशबू कीमौजूदगी का एहसास हुआ। -
खिडकी का कांच नीचे करते हुएजो सर्द हवा का झोंकामेरे बालों को छूकर निकलाकुछ यूं हुआ कि तेरी खुशबू कीमौजूदगी का एहसास हुआ।
मेरी बेताब निग़ाहों को पनाह देमैं इश्क़ कहूं तू मुझे एलिया सुना देकहना जो चाहूं कुछ लफ्ज़ तुझेबिन सुने मुझे तू गले लगा दे -
मेरी बेताब निग़ाहों को पनाह देमैं इश्क़ कहूं तू मुझे एलिया सुना देकहना जो चाहूं कुछ लफ्ज़ तुझेबिन सुने मुझे तू गले लगा दे
गुजरने ही ना दी वो रात मैंने,उसकी आंखों से मुलाक़ात हीकुछ इस क़दर हुई -
गुजरने ही ना दी वो रात मैंने,उसकी आंखों से मुलाक़ात हीकुछ इस क़दर हुई
क्या मलाल हुआ जोपैमाना उठा लिया,उसके लबों को गुलाब कहा है कभी। -
क्या मलाल हुआ जोपैमाना उठा लिया,उसके लबों को गुलाब कहा है कभी।
ए उल्फत-ए-ज़िया, क्या तेरा तअस्सूर,हम हर अगले शक्श मेंतेरी नुमाइंदगी तलाशते हैं -
ए उल्फत-ए-ज़िया, क्या तेरा तअस्सूर,हम हर अगले शक्श मेंतेरी नुमाइंदगी तलाशते हैं
सुनो इल्तिजा ए मुसाफिर कीफिर हम यूँ आँखें मिलाएंकी फिर हम एक दूजे में खो जाएँ -
सुनो इल्तिजा ए मुसाफिर कीफिर हम यूँ आँखें मिलाएंकी फिर हम एक दूजे में खो जाएँ