अपने विचारों पर ध्यान दो; वे शब्द बनते हैं। अपने शब्दों पर ध्यान दो; वे कार्य बन जाते हैं। अपने कार्यों पर ध्यान दो, वे आदतें बन जाती है। अपनी आदतों पर ध्यान दो, चरित्र बन जाती हैं। अपने चरित्रों पर ध्यान दो, यह आपकी किस्मत बन जाती है।
- अज्ञात- David
29 APR 2019 AT 9:02