14 MAY 2019 AT 20:06

छोड़ दो इन रिश्तों को यहीं पर अब,
ये सफर जिंदगी में मजबूरी सा लगता है।
इतनी भी कसमे ना खाओ मेरे सर की,
की तेरा सर उठाना भी गद्दारी सा लगता है।

- Jagarwad