25 MAY 2019 AT 11:16

माना के हम यार नहीं,
लो तय है की प्यार नहीं ।
फिर भी नजरें ना तुम मिलाना
दिल का ऐतबार नहीं...
रास्ते में जो मिलो तो हाथ मिलाने रूक जाना...
साथ में कोई हो तुम्हारे दूर से ही तुम मुस्काना ।

लेकिन मुस्कान हो ऐसी की जिसमें इकरार नहीं,
नज़रों से करना तुम बयां वो जिससे इनकार नहीं ।
माना के हम यार नहीं...
फूल जो बंद है पन्नों में तुम उसको धूल बना देना,
बात छिड़े जो मेरी कहीं तुम उसको भूल बता देना...
लेकिन वो भूल हो ऐसी जिससे बेजार नहीं...
तू जो सोये तो मेरे तरह इक पल को भी कररार नहीं

माना के हम यार नहीं...

- Biranchi