13 MAY 2018 AT 23:44

अँधेरी अमावस्या की रात थी
चारो तरफ अँधेरा,जो मेरे लिए डर की बात थी
मित्रो की मण्डली ने भी डराया,जिन्होंने एक बात बोली थी
हज़ारो अरसे पहले एक नवेली दुल्हन जो अपने वर के साथ चमचमाती कार से आ रही थी
कुछ मनचलों ने चारों तरफ से उन्हें घेर लिया था
चारो तरफ जो पहरा लगा के बंदूक तान ,कर नवेली की कार रुकवाई थी
उसके जोड़े को उससे अलग करके वर को बांध दिया गया था
सहमी ,और लाचार सी उस वक़्त हो बहुत घबराई थी
उसके चिर को उससे अलग कर के उन दरिन्दों ने एक एक कर के उसके साथ हैवानियत की थी
पति अपनी नवेली के साथ ये सब होते देख कर भी कुछ न कर सका था
दोनों को मौत के घाट उस वक़्त तलवार के साथ उत्तर दिया गया था डर मेरा और बढ़ता जा रहा था
भय के कारण रोम रोम मेरा कांप रहा था
...इस घटना को घटित हुई तकरीबन
उनचास साल हो गए थे
दोस्तों ने एक एक कर बताया कि वो आज भी उन
मासूमो से बदला लेती है,जिन्होंने उसके साथ दरिंदगी तो नहीं की पर ,जो भी मित्रो की डोली में इस राश्ते से गुजरता है उसकी जान लेना उसका काम हो गया था
मेरी धड़कन यह सब सुन के मानो ,172 बार हो गई थी
..दोस्तों के साथ बात करते करते कुछ वक्त गुजरा ही था
की आवाज आई जैसे पायल थी
भय से तेज़ी से पलटने पर देखा वो,
हमारी कार से आवाज आ रही थी
हम सब उस कार के पास जाने की हिम्मत जुटाने लगे और धीरे धीरे पहुँचे ही थे,
की तेज़ी से दरवाजा खुला,हम सब चिल्ला के पिछे हट गये



- Bindu tiwari