पापान्निवारयति योजयते हिताय
गुह्यं निगूहति गुणान् प्रकटीकरोति l
आपद्गतं च न जहाति ददाति काले
सन्मित्रलक्षणमिदं प्रवदन्ति सन्त:ll
( नीतिशतक - श्लोक -७४)
पाप से रोकता है,कल्याणप्रद कार्यो में लगाता है,गुप्त बातों को गोपनीय रखता है,गुणों को प्रकाशित करता है,विपत्ति में साथ नही छोडता,उपयुक्त समय में सहयोग देता है, ऐसे गुणों को धारण करनेवाले को सज्जनों ने सच्चा मित्र कहा हैl
अत: उपर्युक्त गुणों को धारण करनेवाले मेरे सभी मित्रों को मित्रता दिवस की अशेष शुभकामनाएँ l 💐
- Bharat Gadhvi Sudana
4 AUG 2019 AT 15:19