याद भी अब उसको आते नहीं
वो दिन, वो लम्हें, वो सारी बातें,
एक समय वो भी था जब देते थे
एक - दूजे को न भूलने के वादे।-
क्यों?
"कभी भी" दोष बतलाना अगर जायज़ हैं,
तो उसे सुधारने के लिए "कभी भी" सुझाव देना जायज़ क्यों नहीं!?
"छोटे हो! मर्यादित रहो।" अगर ये बोलना जायज़ है,
तो बड़े होते हुए छोटों का सही समय साथ देना जायज़ क्यों नहीं!?
ख़ुद गाली - गलौच करना अगर जायज़ है,
तो दूसरे अगर गाली - गलौच करें तो वो जायज़ क्यों नहीं!?
छोटे अगर मर्यादा भूलें तो गलत, बड़े अगर भूलें तो गलत क्यों नहीं!?
मतलब है तो सब साथ हैं, मतलब नहीं तो सब साथ क्यों नहीं!?
ख़ुद की मजबूरी अगर मजबूरी है, तो दूसरों की मजबूरी .. मजबूरी क्यों नहीं!?
क्या इन सवालों के जवाब कभी मिलेंगे!?
या फिर जवाब भी रहस्य में तब्दील होंगे!!!???-
कौन अपना कौन पराया,
यहां है सब मोह - माया।
इस मोह - माया के फंदे से,
ऐ इंसान तू बच कर रहे।
कई अपने तेरा साथ छोड़ेंगे,
पर तू आगे नित बढ़ते रहे।
पर तू आगे नित बढ़ते रहे!!!!
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As you go in a flow which you love the most.
The flow is for getting successful and letting the bag to get full of achievements.
You are like water,
who might look simple but still tough to understand.
Someone may take you granted but, then will definitely gonna repent.
You are like water,
Who simply gets comfy with others easily.
Who has a deep heart full of love, joy, happiness and creativity mostly.-
to "Grow" and "Let it Go"!
Grow for self and to help others,
Let overcome the challenges and fight without fear.
Letting Go the things which disturbs you the most,
It's one of the necessary thing to achieve the goal.
Let continue the things which are good for you,
Which gives peace to your mind and helpful to you.
Let the things go in a flow as they are,
Because "Letting Go" is the basic need for your "Growth"!!!
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मंज़िल पाना आसान नहीं,
पर हौसला बुलंद रखना होगा।
रफ़्ता - रफ़्ता ही सही,
पर मंज़िल पाने चलना होगा।
राह में ठोकरें बेशक मिलेंगी,
पर ख़ुद को मजबूत बनाना होगा।
मुश्किलें बढ़ती - घटती रहेंगी,
पर ख़ुद को मुसबत रखना होगा।-
एक डर अब मन में बैठ गया है!
कहीं खुद को खो न दूं, अब विचार ये उभर रहा है।
बोझ किसी पर बनना, ये मुझे पसंद नहीं।
बिना मतलब ठेस पहुंचाना, ये मुझे गवारा नहीं।
मन अब थक गया है, इस मतलबी दुनिया से।
जहां लोग आते हैं, सिर्फ़ अपने काम से।
न कोई होगा मानसिक परेशान,
न पड़ेगा किसी पर मानसिक दबाव।
ऐ 'नज़र' !! तू दूर हो इन सब से,
रहे वो भी आज़ाद, रहे तू भी आज़ाद।-
काश!!!
काश कोई तो ऐसा होता
जो मुझे सुनता।
जो हर बात में मतलब निकालने
की बजाय, उस बात को समझता।
काश!! कोई तो ऐसा होता...
बात अगर नज़रिए की हो,
तो काश उसके पास सही नजरिया होता।
हर वक्त शक करने की बजाय,
काश वो चीजों को सही ढंग से
देख पाता....काश!!कोई तो ऐसा होता..
गुस्सा करूं तो बजाय भनकने के,
काश वो चीजों को समझता।
समझकर सही - गलत क्या है
ये बताता.. काश!! कोई तो ऐसा होता...
यूं तो सुख में सभी होते हैं पर,
काश कोई दुःख का साथी भी होता।
समय बदले तो साथ छोड़ जाने की बजाय,
काश वो मजबूत सहारा बन खड़ा होता।
काश!! कोई तो ऐसा होता...
जो 'नज़र' के नज़रिए को समझ पाता।
काश!! कोई तो ऐसा होता... 😇-
कोई भी व्यक्ति जो सिर्फ़ मतलब के लिए आता हो वह ज्यादा देर तक अच्छे का मुखौटा पहने नहीं रह सकता।बस समय बदलने की देरी है फिर इंसान अपना असली चेहरा दिखा ही देता है।
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Thought!!!
If the front person is no more interested in keeping any relation then it's always better to go far from that person. There is no meaning to be there for them. It will just decrease your self-respect & you will always get hurt as well as the mental peace too will not be anymore.
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