तुम मेरे हिस्से में उतने ही आये जितनी एक हथेली के हिस्से में आती है बारिश ! ~ प्रेरणा -
तुम मेरे हिस्से में उतने ही आये जितनी एक हथेली के हिस्से में आती है बारिश ! ~ प्रेरणा
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बात ये है, रोने को जी चाहता है मस'अला ये, ऑंख में ऑंसू नहीं है ~ आशुतोष प्रसिद्ध -
बात ये है, रोने को जी चाहता है मस'अला ये, ऑंख में ऑंसू नहीं है ~ आशुतोष प्रसिद्ध
फिर वही रात वही चाँद वही तुम और मैंक्या किसी छत के मुक़द्दर में लिखे जाएँगे~ Vibha -
फिर वही रात वही चाँद वही तुम और मैंक्या किसी छत के मुक़द्दर में लिखे जाएँगे~ Vibha
Hindi -
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फ़लक में चाँद के जैसे, रहे मुझ में कहीं मौजूदकभी आधी, कभी पौनी, कभी पूरी, उदासी है~ Vishal Vaid -
फ़लक में चाँद के जैसे, रहे मुझ में कहीं मौजूदकभी आधी, कभी पौनी, कभी पूरी, उदासी है~ Vishal Vaid
चूमना एक बारीक कला हैजिसकी निपुणता की परखहोठों पर नहींमाथे पर होती है !~ बाबुषा -
चूमना एक बारीक कला हैजिसकी निपुणता की परखहोठों पर नहींमाथे पर होती है !~ बाबुषा
मैनें जिस लड़की से, सबसे ज़्यादा प्रेम किया उसने सदैव रखा मुझे प्रेम से वंचितजिस लड़की ने,मुझसे सबसे ज़्यादा प्रेम कियामैनें हमेशा रखा उसे प्रेम से वंचितमाॅं कहती है,हमारे कर्म एक चक्रीय प्रक्रम हैंजो किया है वो लौटकर ज़रुर आता है..!~ अर्पित अक्खड़ -
मैनें जिस लड़की से, सबसे ज़्यादा प्रेम किया उसने सदैव रखा मुझे प्रेम से वंचितजिस लड़की ने,मुझसे सबसे ज़्यादा प्रेम कियामैनें हमेशा रखा उसे प्रेम से वंचितमाॅं कहती है,हमारे कर्म एक चक्रीय प्रक्रम हैंजो किया है वो लौटकर ज़रुर आता है..!~ अर्पित अक्खड़
वृक्ष कभी भीएक वार में नहीं गिरतेतुम्हारे जाने से पहले भीकई हादसे देखे मैनेंमगर तुम्हारा जानामुझे तोड़ने के लियेकिया गयासबसे आख़िरी वार था !~ साज़ -
वृक्ष कभी भीएक वार में नहीं गिरतेतुम्हारे जाने से पहले भीकई हादसे देखे मैनेंमगर तुम्हारा जानामुझे तोड़ने के लियेकिया गयासबसे आख़िरी वार था !~ साज़