तुम्हारे दिल में हमेशा रहने का इरादा है...
दस्तावेज़ तो मैंने बनवा लिए कुछ लम्हों के
तुम बस टोकन की रकम बता देना..-
अगर किसी दिन ये आंखें
हमेशा के लिए बंद हो जाए
तो बस एक बार,
मेरी धड़कन जरूर जांच लेना...
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शायद धड़कने भी कोई
अनकही अनसुनी नज़्म सुना दे तुम्हें,
अच्छा लिख लेती हूं शायद,
एक बार तुम आखरी सांस
को भी बस वाह-वाह दे देना...-
Ok...if you feel your freedom is curtailed, be free...
No.. please don't go... please stay! I need you..-
कभी शब्दों में छिपी
ख़ामोशी भी पढ़ लिया करो,
हर बार तो हम सिर्फ-
आपकी वाह-वाह
के लिए नहीं लिखते..
कभी कोई अनसुनी, अनकही
दास्तां भी समझ लिया करो...-
कई लोग कहते हैं-
मैं फिक्र को जलाकर
धुएं में उड़ाता हूं...
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उन्हें क्या पता वही धुआं-
कितनों की हस्ती,
कितनों की जिंदगी की
सबसे बड़ी फिक्र बन गया-
तकल्लुफ की बात यह है कि-
जिंदगी बस चार दिन की,
और उसमें भी लोग
साथ बिताई हुई कुछ
घड़ियों का हिसाब करते हैं...-
वो हमेशा कहते थे कि-
उन्हें शांति और अमन पसंद है...
फिर भी न जाने क्यूं
वो इतने कड़वे अल्फ़ाज़ से
घायल कर गए मुझे...-
अगर मैं हिन्दू होकर
आज किसी मुसलमान को
ईद की मुबारकबाद दे दूं
तो मेरी आंखों में
वो प्यार भरी नमी तो होगी-
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क्या कोई इन्सान
ये समझ पाएगा कि-
मोहब्बत ही हमारा मज़हब है,
और मेरी इबादत में
कभी कोई कमी न होगी...
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मैं ये कभी ना कहूंगी तुमसे कि-
वक़्त भले बीत रहा है
लेकिन मैं आज भी
उन लम्हों की कैद में हूं...
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हर रोज़ एक नया
बहाना ढूंढ़ती हूं-
तुम्हें अपने पास
मेहसूस करने का, तभी-
शब्दों में गिरफ्त करके तुम्हें
नज़्म बेहिचक बेहद लिखती हूं...-