तू ख्वाहिश है रूह की
हो मांग मेरी सिंदूरी
देखे बिना तुझको
जब इतना चाहे मेरा दिल
सोचो होगा तब क्या
जब जिंदगी में तू होगा शामिल
वफाएं मेरी सारी तेरे नाम होंगी
हो जाएंगी ये सांसें भी तेरी-
#pankhmythoughts
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आंकते है लोग हमेशा ,
एक नारी को ,
रूप रंग से ही क्यों।
क्यों ना देखे कोई
उसकी सादगी और
मन की खूबसूरती को
आखिर इस समाज में
नारी को ही
देनी पड़ती है परीक्षा
क्यों हर घड़ी
क्यों दूसरे ये तय करते है
वो है काबिल या नहीं
क्या रूप रंग ही सब कुछ है
काबिलियत और अच्छाई कुछ नहीं
होता नहीं सम्पूर्ण हर कोई
होती है सबमें एक ना एक
खामी कोई
जिस दिन मान ले लोग इस सच को
सपने सच हो जाएंगे कई
एक नारी अर्धांगिनी है , मां है , है बेटी भी
देवी के रूप में पूजते है हम इन्हें-
कुछ लोग ऐसे भी मिलते है
जिनके साथ होता कोई रिश्ता नहीं
पर फिर भी जिंदगी में
अपनी गहरी छाप छोड़ जाते है
हंसते मुस्कुराते हमें
हमीं से रुबरु कराते है
सही और गलत के
दायरें बदल जाते है
नजरें क्या
जिंदगी को देखने के
नजरिए बदल जाते है-
गर किसी की बातें भा जाए
तो उसे चाहना गलत तो नहीं
डर लगता है इजहार से
क्योंकि पता नहीं
इजहार करने का हक है भी या नहीं
अधूरी है चाहतें, अधूरे है ख्वाहिशें
एक सच्चा रिश्ता , एक सच्चा हमसफर
मांगी है दुआओं में बस रब से यही मन्नतें
पर डर लगता है सोच कर
ये जिंदगी बनकर ना रह जाए
एक अधूरा गुलाब कहीं-
साथ हो जो तुम मेरे तो हर सफर खूबसूरत है
मेरे लिए है तू उतना ही जरूरी
जीने के लिए जितनी सांसों की जरूरत है-
कुछ हुई यूं तुमसे
की बाहों में तेरी
सुकून सा मिला है
एहसास ना है तुझको
की पा के तुझको
हमें क्या मिला है
मुकम्मल हो ना हो
ये रिश्ता चाहे
अब कभी
आवाज ने तेरी
मेरी
रूह को छू लिया है।-
ये बयां कर पाना
तब मुश्किल हो जाता है
जब हम सही और गलत में
फर्क
भूल सा जाते हैं-
जहां रोशनी नहीं
अंधेरा वहां होता है जिनकी सोच रौशन नहीं
मुश्किलें आती जाती है , मुश्किलों से डरना क्या
मुश्किलें भी अपना फर्ज निभाती हैं
सच्चे इरादें हो तो रब साथ साथ है
यूं ही नहीं चांदनी रात रौशन कर जाती है।।-