Author Pankh   (Khawahishon ke "Pankh")
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Joined 5 January 2020


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15 FEB AT 21:25

कुछ लोग ऐसे भी मिलते है
जिनके साथ होता कोई रिश्ता नहीं
पर फिर भी जिंदगी में
अपनी गहरी छाप छोड़ जाते है
हंसते मुस्कुराते हमें
हमीं से रुबरु कराते है
सही और गलत के
दायरें बदल जाते है
नजरें क्या
जिंदगी को देखने के
नजरिए बदल जाते है

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7 FEB AT 16:48

गर किसी की बातें भा जाए
तो उसे चाहना गलत तो नहीं
डर लगता है इजहार से
क्योंकि पता नहीं
इजहार करने का हक है भी या नहीं
अधूरी है चाहतें, अधूरे है ख्वाहिशें
एक सच्चा रिश्ता , एक सच्चा हमसफर
मांगी है दुआओं में बस रब से यही मन्नतें
पर डर लगता है सोच कर
ये जिंदगी बनकर ना रह जाए
एक अधूरा गुलाब कहीं

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16 JAN AT 20:54

साथ हो जो तुम मेरे तो हर सफर खूबसूरत है
मेरे लिए है तू उतना ही जरूरी
जीने के लिए जितनी सांसों की जरूरत है

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16 JAN AT 20:48

कुछ हुई यूं तुमसे
की बाहों में तेरी
सुकून सा मिला है
एहसास ना है तुझको
की पा के तुझको
हमें क्या मिला है
मुकम्मल हो ना हो
ये रिश्ता चाहे
अब कभी
आवाज ने तेरी
मेरी
रूह को छू लिया है।

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16 JAN AT 20:36

ये बयां कर पाना
तब मुश्किल हो जाता है
जब हम सही और गलत में
फर्क
भूल सा जाते हैं

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16 JAN AT 20:31

शायद इसलिए क्योंकि जो हमारे दरमियां थी
वो मोहब्बत नहीं।

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15 JAN AT 10:22

जहां रोशनी नहीं
अंधेरा वहां होता है जिनकी सोच रौशन नहीं
मुश्किलें आती जाती है , मुश्किलों से डरना क्या
मुश्किलें भी अपना फर्ज निभाती हैं
सच्चे इरादें हो तो रब साथ साथ है
यूं ही नहीं चांदनी रात रौशन कर जाती है।।

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10 JAN AT 9:00


कोहरे की इस धुंध में
खो ना जाए हम कहीं।

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9 JAN AT 19:57

आज के दौर में
दुख और दर्द
हर किसी के साथी हैं
पर लोगों की इस भीड़ में
कुछ लोग ऐसे भी है
जो अपना दर्द अपने
अंदर छिपाकर
दुनिया में खुशियां फैलाते है
ऐसे लोगों को ना जाने
दुनिया क्या नाम दे
पर मेरे लिए ऐसे लोग फरिश्ते
कहलाते है

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4 JAN AT 1:04

जो दिल में दबे
तेरे जज्बात है
भगवान नहीं है हम
हम तो आम इंसान है
कभी कभी नजरें देख नहीं पाती
नजरों में शामिल जज्बात
गहरा रिश्ता होने के बाद भी
पर इसमें खता सिर्फ मेरी नहीं
है कुछ खता भी आपकी
हर जज्बात खामोशियां बयां करे
ये हर बार मुमकिन नहीं
कुछ जज्बात ऐसे भी होते है
जिनका लफ्जों में ढल जाना ही सही।

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