तुमसे मिलकर लगा कि अब मेरा एक और घर है, और वो कोई चारदीवारी नहीं बल्कि एक जीता जागता इंसान है।
-
✍ underrated emotions in overrated words.👇
#अतुल_उवाच
तुमसे मिलकर लगा कि अब मेरा एक और घर है, और वो कोई चारदीवारी नहीं बल्कि एक जीता जागता इंसान है।
-
जनवरी आई है फिर से, मुबारक हो
लोग फिर जागेंगे अब से, मुबारक हो
क्या खोया, क्या पाया, का लेखा जोखा होगा
इस साल करेंगे काम "थोड़ा" और मन से, मुबारक हो!-
What it is - दो हज़ार चौबीस
How I'm taking this - दो हज़ार चॉइस
-
ये लफ्ज़ अब होठों से इश्क़ फरमा रहे है,
धीरे - धीरे हम भी शायर बनते जा रहे है।-
कुछ लोग मजबूरी में मजदूर है,
और कुछ मजबूती से मजदूर है,
कुल मिलाकर हम सभी मजदूर है।-
एहसास
जो हम दोनों की नज़र में गुमनाम है,
दुनिया की नज़र में बहुत बदनाम है।-
I once was not known to myself.
and now people want to know about me.-
बचपन में जब चोट लगती थी तो रो देते थे,
अब जब बड़े हुए तो पता चला की "खुशी" के भी आँसू होते हैं।-