17 FEB 2019 AT 0:26

उदास चहरा अब मुस्कुराने लगा है
लगता है दिल में कोई आने लगा है

बड़े अरसे से बात हमने की नही किसी से
अब बात करने को जी चाहने लगा है

रातों को नींदे अब आती है अक्सर
नया ख़्वाब कोई सुलाने लगा है

बातो में अब मेरी उसकी बातें ही रहती है
ज़ुबा भी ज़िक्र उसका लाने लगा है

एक चेहरा नया सा हसीन लगने लगा है
दिल फिर किसी से दिल लगाने लगा है

इश्क़ की गली में मेरा जाना मना था
चाय पीने के ख़ातिर फिर से जाने लगा है

- atif mast