Ashutosh Tiwari  
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Joined 8 May 2018


Joined 8 May 2018
28 DEC 2024 AT 14:17

Ashu's Fire

With the descendants of kings
Here the war starts
My names bringing utterful farts
Oh let me redeem your bony mass
Let me show you the Ashu's class
Filled with the sweetful blood
Here's how Ashu throws certainty in the mud
Down and up the veins and the gut
Everyone hiding in there hut
Down goes the blast and comes scorching me
Saying Ashu not a flower but a ass stinging bee
Running miles after crushing heads
Like some crumbling breads
It feels so honoured right now
I don't what's the magic only i could say how
But when i kicked hell of chins
Lauging me sitting with my smiling sins.......

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28 DEC 2024 AT 14:05

Ashu the sweet taste

It just passes on the veins
The highest title reigns
Where i murmur the distinctions
And with me sits Ashu's attentions
It's coming buddies the time is about to set
Where i would offer magical hat
Which would sit with you for help
Wont burst any scalp
Turned inside out my story
The Ashu's unimaginable glory
So let me not run up the paste
Stop here and witness Ashu the sweet taste........

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28 DEC 2024 AT 13:55

प्यास भरे आशु

अहसास मेरा तेरी सिलवटों से जा बना
तेरी ख़ुशबू ही मेरे निशानी थी
तुझपे ही मेरा जहाँ थमा
तू ही मेरी ज़िंदगानी थी
बस तलब कह रही ज़रा पास आकर मेरा हाथ थाम ले
प्यास मिटा कर आशु के रूह को जाम दे
आग जल रही ना जाने कैसे बुझेगी
तड़प मेरी प्यास ना जाने कैसे मिटेगी
अब तो हम दो एक हो रहे है
फ़ैसलों के मेरे अंजाम हो रहे है
तिनका तिनका तूने आग लगा दी
अपनी आज वफ़ा बता दी

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28 DEC 2024 AT 13:42

जंग में आशु

यहाँ आख़िरी दिन होगा
भूमि पे रख़्त से सैलाब होगा
मैं तैयार रहूँगा अपने शस्त्र के साथ
जंग जीतकर तुम्हारा मस्तक होगा मेरे हाथ
इस तरफ़ ना उस तरफ़ छुप पाओगे
मेरे ख़ौफ़ से कहा जाओगे
बोलने में हिचकी ना आए
आहार मेरा हड्डियो के साथ जाये
जंग में आशु का मतलब तुम समझोगे
काव्य से पहले ही मेरा नाम लेकर थमोगे
इस क़दर अंत होगा
मेरे भाव का तू संत होगा.........

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28 DEC 2024 AT 13:23

आशुओं का मेला

चला रास्ते पर देख बंद दरवाज़े
मीनारें ख़ाली रही ख़ाली आवाज़े
उठ कर गली में कोई दिखा नहीं
अज़ीब सा सिलसिला पर कोई गिला नहीं
रातों में मेरा जाम दिन भर का क़िस्सा लाता हैं
एक आशुओं का मेला आता हैं
ठहरा ठहरा यहाँ समा जाता नहीं
खुशियों के पैमाने लाता नहीं
अब तो इंसान मुझमें एक अलग पाया जाता है
प्यार भरा ना कोई गीत गाया जाता हैं
रातों में मेरा जाम दिन भर का क़िस्सा लाता है
एक आशुओं का मेला आता है........

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28 DEC 2024 AT 13:07

आशु एक स्वप्न

काग़ज़ का तिनका
प्यास बन रूह में छनका
मद्धम मद्धम एक स्वप्न महान हूँ
आशुओं का एक प्यारा जहाँ हूँ
खो गया जो बन अनदेखी आग था
तिनका तिनका बढ़ रहा मेरे रगो में सुराग था
के जब चिंगारी ने अटूट आग लगाई
आशुओं की क़तारे चलकर आयी
भावुकता की लता ने अंदर का तेज़ मिटाया
आशु को एक स्वप्न महान बनाया.......

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28 DEC 2024 AT 12:51

ज्वाला के आशु

लबो पे यूँ नाम आया
क़िस्से तारीक और अंजाम आया
मेरे दुश्मन ज़माने में कम नहीं
फ़ासला बनाया उनसें उसका ग़म नहीं
क़िस्से मुझे सारे आज भी याद है
ख़ुदा का नाम एक फ़रियाद है
जिस दिन आधा अधूरा घर आऊँगा
गिरते चलते एक तूफ़ान लाऊँगा
जो समेट लेगी राख सारी
दूर कर देगी मेरी हर बीमारी
इंतेकाल पर रात शेष रहूँगा
कुछ नहीं तो आशु चक्र बन विशेष रहूँगा
काली रात्रि कोहराम काले काले
हाला मेरी बंद लबों के ताले ताले
आँख से बह गई लहू की चिंगारी
ग़ुस्सा क्यों मेरा ना थमा बस रहीं बर्बादी
हे आशु यह ज्वाला पिघला दे
वक़्त ज़रा सुकून का ला दे
मैंने लिखें कई नाम ख़ुदगर्ज़ी के
दुश्मन सारे मेरे मर्ज़ी के
पर ख़त्म कर उन्हें मैंने मेरी ख़ुशी मिटा दी
ख़ुद को ही आज मैंने ख़ुद सज़ा दी

आशुतोष तिवारी

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28 DEC 2024 AT 12:25

बेवफ़ाई के आशु

तू थी वही नूर
जिसने किया दिल को चकनाचूर
अब बस दिल में है फ़ितूर
रहना है प्यार मोहब्बत से दूर
अनजाना सा एक इक़रार होता है
प्यास जाम एक तकरार होता है
पर अब तो क्या कहु ओ दिलरुबा
तू तो ठहरी बेवफ़ा
कर देता हूँ यह किस्सा रफ़ा दफ़ा
नहीं देता अब ख़ुद को और सज़ा
ख़त्म यह रात इंतेकाल लायी हैं
होनी को होनी के पास लायी हैं
खो गया मुझमें एक शख़्स था
मेरा ही तो वो अख़्स था
रोकर आँख आशु को थामती ही नहीं
आशु को आशु की लगे ना कोई कमी......

आशुतोष तिवारी

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12 SEP 2022 AT 20:19

thoda dekhun
idhar udhar
mil gayi manzil udhar
mil gaya sukoon idhar
chalte chalte yeh kya seekh gaya
pyaar ka saya kahin kho diya
apne hone par bas sochta hun
pyaas tujhe kyon kho raha hun
chalte chalte yeh vaadiyan
yaad dilati hai mujhe
kyon aakhir na puchun tujhe
bas gehraiyan
sannate aur teri vo harkate
yaad aati hai har roz mujhe......

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27 JUL 2022 AT 21:35

Go for easy and slowly difficult becomes easy.....

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