11 JUN 2018 AT 23:21

हेरत-हेरत हे सखी, रह्या कबीर हिराइ ।
बूँद समानी समुद्र में, सो कत हेरी जाइ ॥
या
हेरत-हेरत हे सखी, रह्या कबीर हिराइ ।
समुद्र समाना बूंद में, सो कत हेरी जाइ ॥



- ashoonly