जरूरत लगे तो आवाज़ लगा लेना तुम।
एक दिन मुझसे दूरियां बना लेना तुम।।
आहिस्ता आहिस्ता यूं ही फासले बढ़ाते रहो।
और फिर एक दिन दारिया बढ़ा लेना तुम।।-
गुज़रेगी अब हमारी हर शाम इंतज़ार में
यार पुराना खो गया दुनिया के बाजार में-
हर गली से निकाला जाए जनाज़ा मेरा
हर नुक्कड़ पर यार कुछ पुराने मिलेंगे-
वो इश्क़ की ऐसी खुमारी दे गया।
एक शख़्स कैसी बेकरारी दे गया।।
उसकी झलक का इंतज़ार रहता है।
एक अजीब सी वो बीमारी दे गया।।-
खामोश यूं ही कोई बेवजह नहीं होते
कई दर्द लफ्जों में बयां नहीं होते
फक्त रही होगी मजबूरियां उनकी
मोहब्बत करने वाले बेवफा नहीं होते-
जिसको पसंद रंग काला है।
सुना है बड़ा दिल वाला है।।
जो दिल में उतरने वाला था।
वो दिल से उतरने वाला है।।-
ना कोई चिट्ठी ना कोई तार रहा।
अब ना वो पहले वाला प्यार रहा।।
बंद हो चुकी दुकान पनवाड़ी की।
अब ना नुक्कड़ पर इंतजार रहा।।
वीडियो कॉल से होती है बाते तो।
अब ना खिड़कियों पर दीदार रहा।।
मशहूर होता था पूरे कस्बे में जो।
अब ना वो आशिक़ किरदार रहा।।
एक पूरे चांद तक रहता है रिश्ता अब।
अब ना कोई जन्मों का जिम्मेदार रहा।।-
वक़्त रोकने का इल्म मिल जाए अगर,
तो सबसे पहले मै उससे गले मिलूंगा!-
Learning makes you talented but
improvements makes you succeed.
सीखना आपको प्रतिभाशाली बनाता है,
लेकिन सुधार आपको सफल बनाता है।-
अजीब तमाशा है इस महफ़िल का तो,
खुद ही से खुद को पर्दा करना पड़ता है।
कोई बोलता ही नहीं यहां हक में हमारे,
खुद ही से खुद के लिए लड़ना पड़ता है।।-