तोहफा कहूँ निशानी कहूँ या कहूँ कुछ खास, उसका दिया हुआ कुछ आज भी है मेरे पास....); - अनकही दास्तान
तोहफा कहूँ निशानी कहूँ या कहूँ कुछ खास, उसका दिया हुआ कुछ आज भी है मेरे पास....);
- अनकही दास्तान