कौन हो तुम?
अमावस की काली रातों का अंधेरा..
या मौन मेरी आत्मा के शब्द हो तुम?
कौन हो तुम?
कोयल की सुंदर कूक हो, जंगल की पावन धूप हो..
ताजा पवन के झोके लिए बरसात हो तुम.
कौन हो तुम?
जो कह सकी ना बात, उसके अक्स हो तुम
जो नृत्य हो दिन रात उसके रक्स हो तुम..
क्या कहू कि एक औज़ार हो तुम.
कौन हो तुम?
ईश्वर की भेजी हुई रूहानी इनायत,
मै रोज़ जिसको गुनगुनाऊ वो आयत...
जो मिट नहीं सकता वो एहसास हो तुम.
कौन हो तुम?
- Asha Tiwari